देहरादून 16 जुलाई 2025। मानसून की दस्तक के बाद से ही उत्तराखंड के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में बारिश आफत बनकर बरस रही है एक तरफ पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के चलते लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही है।
जिससे कई मार्ग बाधित हुए हैं तो वहीं मैदानों में भी भारी बारिश के चलते वॉटर लॉगिंग की समस्या सामने आ रही है हालांकि इस साल मानसून सीजन के दौरान अब तक पिछले साल की अपेक्षा नुकसान काफी कम हुआ है लेकिन आने वाले दिनों में मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ सकती हैं।
उत्तराखंड में इस साल मानसून की दस्तक के बाद से ही पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में लगातार अच्छी बारिश देखने को मिल रही है जिसकी वजह से पर्वतीय क्षेत्रों में लैंडस्लाइड की घटनाएं भी सामने आ रही है जिसकी वजह से अब भी कई मार्ग बंद है जिन्हें खोलने का काम किया जा रहा है प्रदेश में भारी बारिश की वजह से अब तक 24 लोगों की मौत की खबर है जबकि आठ लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं जिनके तलाश की जा रही है, इस दौरान भारी बारिश के चलते मवेशियों और फसलों के भी नुकसान की खबर है जिसका आकलन किया जा रहा है पूरे प्रदेश में मानसून सीजन के दौरान 1300 से ज्यादा सड़के बाधित हुई है जिनमें से ज्यादातर सड़कों को खोल दिया गया है जबकि 75 सड़कों को खोलने का काम अभी किया जा रहा है।
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग सचिव विनोद कुमार सुमन का कहना है कि प्रदेश में स्थिति बिलकुल सामान्य है और इस साल पिछले सालों की तुलना में बारिश के कारण अभी तक नुकसान भी काफी कम हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाले दोनों में आपदा की स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने जिलाधिकारी के अधिकारों को बढ़ाया है और सभी जिलों में 300 करोड़ रुपए से ज्यादा का आवंटन भी किया जा चुका है जिससे आपदा से निपटा जा सके।
वही बिक्रम सिंह,निदेशक,देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तराखंड में मानसून सीजन में 14 जुलाई तक प्रदेश में हुई बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है जिससे मैदानी इलाकों में लोगों को गर्मी से राहत जरूर मिली है लेकिन आने वाले एक हफ्ते तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की भी संभावना जताई गई है जिससे मैदानी इलाकों में उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान जरूर कर सकती है मौसम विभाग की माने तो 19 जुलाई तक प्रदेश में बारिश की संभावना काफी कम है फिर भी पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश की एक्टिविटी देखने को जरूर मिल सकती है जहां लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है जबकि 19 जुलाई के बाद से एक बार फिर पूरे प्रदेश में बारिश देखने को मिलेगी