Nervous:-सदन में चर्चा से क्यों घबराई सरकार -विधायक प्रीतम सिंह

भराड़ीसैंण 20 अगस्त 2025।

प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था व दैवीय आपदा प्रबंधन में घोर विफलता तथा प्रत्येक स्तर पर हो रहे व्यापक भ्रष्टाचार,

और जनविरोधी नीतियों की स्याह हकीकत को प्रदेश की जनता के सामने बेनकाब होने से भयभीत सरकार ने सत्र को डेढ़ दिन में ही किया अनिश्चित काल के लिये स्थगित।

आमजन ने देखा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। पंचायत चुनावों में पुलिस व प्रशासन के संरक्षण में अराजक व गुंडा तत्वों ने,

सरेआम लोकतंत्र की हत्या का घृणित खेल सत्ता में बैठे लोगों द्वारा खेला गया है।

उत्तरकाशी के धराली, जिला पौड़ी और सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में आई दैवीय आपदा के प्रबंधन और राहत बचाव  कार्यों में सरकार की घोर विफलता प्रदेश के लोगों ने देखी है।

आपदा के दौरान सत्ता में बैठे लोग पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर वोट चोरी के कृत्यों में लिप्त थे।

 पूरी सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी हुई है, सरकार की जनविरोधी नीतियों से आमजन त्रस्त हो चुका है। पंचायत चुनावों में जनता ने सरकार को सिरे से नकार दिया है।

धनबल और बाहुबल के सहारे सरकार खुद की पीठ थपथपाने का कार्य कर रही है।मानसून सत्र मानसून सत्र को दूसरे दिन अनिश्चितकाल के लिये स्थगित करना।

सत्र को स्थगित करने के उपरांत  चकराता विधायक प्रीतम सिंह ने प्रेस से वार्ता करते हुए कहा कि अगर सदन की कार्यवाही में किसी दिन व्यवधान पैदा हुआ है तो सत्र की अवधि को कम नहीं किया जाता है।

हम नियम- 310 के कार्य स्थगन के माध्यम से प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग कर रहे थे।

सरकार के पास हमारे प्रश्नों का कोई जबाब नही था इसलिये सदन को स्थगित करने का कृत्य किया गया।

सरकार सदन चलाने में तानाशाहीपूर्ण रवैया अपना रही है। कार्यमंत्रणा समिति के निर्णयों को सरकार द्वारा एकतरफा लिये जाने के विरोधस्वरूप आज नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के साथ विधायक चकराता प्रीतम सिंह ने कार्यमंत्रणा समिति के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया।

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