UKSSSC:- परीक्षा पेपर लीक पर बेरोजगार युवाओं का सड़क पर उग्र प्रदर्शन

 

देहरादून 22 सितम्बर 2025।

उत्तराखंड में रविवार को आयोजित उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की ग्रेजुएट लेवल परीक्षा के दौरान पेपर लीक का मामला सामने आते ही राज्य में सियासी तूफान मच गया है।

देहरादून से लेकर हरिद्वार तक बेरोजगार संघ के युवा सड़कों पर उतर आए हैं और सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे हैं।

इस घटना ने न केवल युवाओं का भरोसा तोड़ा है, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और साफ शब्दों में कहा कि नकल विरोधी कानून का उद्देश्य ही ऐसे अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाना है।

रविवार सुबह शुरू हुई UKSSSC की इस महत्वपूर्ण परीक्षा में करीब 1.5 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे।

परीक्षा के महज 30 मिनट बाद ही सोशल मीडिया पर प्रश्न पत्र के कुछ हिस्सों की तस्वीरें वायरल हो गईं, जिससे परीक्षा केंद्रों पर हंगामा मच गया।

प्रारंभिक जांच में पता चला कि लीक देहरादून से शुरू हुआ और हरिद्वार तक फैल गया। देहरादून पुलिस और विशेष जांच टीम (STF) को 20 सितंबर को ही एक गैंग के सक्रिय होने की टिप मिली थी, जिसके आधार पर कार्रवाई शुरू की गई।

पुलिस ने रविवार को ही एक आरोपी हकम सिंह और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया, जो छह उम्मीदवारों को सरकारी नौकरी में सफलता का वादा करके 15 लाख रुपये की मांग कर रहे थे।

हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में कोई संगठित गैंग का हाथ नहीं पाया गया है। हरिद्वार के एसएसपी ने बताया कि जांच में यह सामने आया कि लीक का स्रोत देहरादून ही था, न कि हरिद्वार।

इसके बावजूद, स्वाभिमान मोर्चा के एक नेता से भी पूछताछ की गई है, क्योंकि प्रारंभिक रिपोर्ट्स में हरिद्वार से वायरल होने का दावा किया गया था।

UKSSSC ने सोमवार को आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं, इसलिए पुलिस से गहन जांच की मांग की गई है।

आयोग ने स्पष्ट किया कि लीक के दावों को खारिज नहीं किया जा रहा, लेकिन कुछ संदिग्ध गतिविधियां जरूर हुईं, जिनकी पूरी तहकीकात होगी।

बेरोजगार युवाओं का आक्रोश: ‘नौकरी दो या जेल भरो’ के नारे पेपर लीक की खबर फैलते ही राज्य भर में बेरोजगार युवाओं ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन शुरू कर दिया।

देहरादून के परेड ग्राउंड में सैकड़ों युवा इकट्ठा हुए और ‘पेपर लीक माफ नहीं होगा’, ‘सरकार ने धोखा दिया’ जैसे नारे लगाए।

वहीं हरिद्वार में गंगा घाट के पास भी भीड़ जमा हो गई, जहां युवाओं ने UKSSSC कार्यालय का घेराव करने की कोशिश की।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बार-बार हो रही ऐसी घटनाओं से उनकी मेहनत पर पानी फिर रहा है।

एक प्रदर्शनकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हम सालों की तैयारी करते हैं, लेकिन लीक माफिया सब बर्बाद कर देते हैं। सरकार सो रही है क्या?”

प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने भारी सुरक्षा बल तैनात किया, लेकिन किसी बड़े हादसे की खबर नहीं है। बेरोजगार संघ के युवाओं के साथ कई संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर परीक्षा रद्द न हुई और दोषियों को सजा न मिली, तो आंदोलन और तेज होगा।

सियासी हलचल: त्रिवेंद्र सिंह रावत की चेतावनी, विपक्ष का हमला

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, “नकल विरोधी कानून का मकसद ही ऐसे लोगों को जेल भेजना है।

देहरादून पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन सवाल यह है कि इन गिरोहों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं?

क्या ऊपर से संरक्षण मिल रहा है?” रावत ने मांग की कि पूरे मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो और बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया जाए।

उन्होंने चेतावनी दी, “अगर पेपर लीक जैसी घटनाओं पर सख्ती नहीं हुई, तो युवाओं का भरोसा पूरे सिस्टम से उठ जाएगा। सरकार को तुरंत एक्शन लेना चाहिए।”

विपक्षी दल कांग्रेस और अन्य ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि यह राज्य में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होने का प्रमाण है।

उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सदन में बयान दें। आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी सोशल मीडिया पर कैंपेन शुरू कर दिया है, जिसमें #CancelUKSSSCExam ट्रेंड कर रहा है।

पुलिस की जांच: कोई गैंग नहीं, लेकिन सतर्कता बरत रही STF

पुलिस ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जांच में कोई संगठित अपराधी गिरोह शामिल नहीं पाया गया।

फिर भी, STF ने सभी संदिग्धों पर नजर रखी है और साइबर सेल को निर्देश दिए हैं कि वायरल कंटेंट का ट्रेस किया जाए।

एसएसपी ने कहा, “हमारी प्राथमिकता उम्मीदवारों का भरोसा बहाल करना है। अगर कोई बड़ा नेटवर्क सामने आया, तो बख्शा नहीं जाएगा।”

भविष्य की संभावनाएं: परीक्षा रद्द? नया कानून?

यह घटना उत्तराखंड में पेपर लीक की पुरानी समस्या को फिर से उजागर कर रही है। पिछले साल भी VDO भर्ती परीक्षा में इसी तरह का विवाद हुआ था।

विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल निगरानी और सख्त कानूनों की जरूरत है।

UKSSSC ने अभी परीक्षा रद्द करने पर कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन दबाव बढ़ रहा है। अगर आंदोलन जारी रहा, तो राज्य सरकार को बड़ा फैसला लेना पड़ सकता है।

बेरोजगार संघ के अध्यक्ष राम कंडवाल की मांग साफ है कि निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया और अपराधियों को कड़ी सजा। यह मामला अब सियासी रंग ले चुका है, और आने वाले दिनों में और तीखी बहस की उम्मीद हैं।

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