देहरादून – लोकतंत्र के इस पर्व में देहरादून नगर निकाय चुनाव 2024 के लिए आज मतदान हो रहा है। जिलाधिकारी/मुख्य निर्वाचन अधिकारी सविन बंसल और मुख्य विकास अधिकारी/उपजिला निर्वाचन अधिकारी अभिनव शाह के नेतृत्व में प्रशासन ने कुछ खास तैयारी नहीं की।
देहरादून नगर निगम में 20 और ऋषिकेश नगर निगम में 5 पिंक बूथ बनाए गए हैं। इन बूथों पर केवल महिला कर्मचारी तैनात हैं, जो महिला मतदाताओं को सहज और सुरक्षित अनुभव प्रदान कर रहे हैं लेकिन इन बूथों पर पुरुष मतदाता भी मतदान कर रहे हैं।
प्रशासन ने दिव्यांगजनों को मतदान में सुविधा देने के लिए 23 विशेष वाहनों की व्यवस्था की है। मुख्य विकास अधिकारी/उपजिला निर्वाचन अधिकारी अभिनव शाह ने 22 जनवरी को इन वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
वाहनों में व्हीलचेयर और प्रशिक्षित कर्मी तैनात हैं, जो बीएलओ, एआरओ और आरओ से मिली सूचना पर दिव्यांग मतदाताओं को सहायता प्रदान कर रहे हैं। यह पहल दिव्यांगजनों की लोकतांत्रिक भागीदारी सुनिश्चित करती है।
लेकिन यह सुविधा हर बूथ पर उपलब्ध नहीं हैं जैसा हमने देखा है परिवार वाले ही दिव्यांगजन या बुजुर्ग बीमार को पोलिंग बूथ पर लेकर आ रहे हैं।
वही वार्ड नं 95 नत्थनपुर द्वितीय का विवेकानंद स्कूल में बने मतदान स्थल पर जब पंचूरवार्ता ने वहां जाकर निरीक्षण किया तो वहां के बीजेपी उम्मीदवार रविंद्र गुसाईं ने हमसे बात करते हुए कहाकि इस मतदान स्थल पर बहुत गड़बड़ी है।
और काफी लोगों के नाम वोटिंग लिस्ट से गायब हैं या मिलना नहीं हो रहा है या नाम में त्रुटि है मेरे शिकायत करने पर भी कोई नहीं देख रहा है।
वहीं देहरादून के ज्यादातर मतदान स्थलों पर देखने को मिल रहा है कि जब मतदाता अपने मत का प्रयोग करने के लिए इन मतदान स्थलों पर पहुंचते हैं तो बूथ के अंदर बैठे चुनाव एजेंट वोटर लिस्ट से जब इनका नाम का मिलन करते हैं लिस्ट में नाम में त्रुटि होती है तब मतदाता को अपने मत का प्रयोग करने से मेहरून कर दिया गया है।
चुनाव में किसी भी प्रकार की अनियमितता को रोकने के लिए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। मुख्य विकास अधिकारी/उपजिला निर्वाचन अधिकारी अभिनव शाह ने बताया कि जिले में 141 संवेदनशील और 114 अति-संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान की गई है। इन बूथों पर पुलिस और इंटेलिजेंस की विशेष निगरानी रखी जा रही है।
मतदान के दिन मतदाताओं में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर कतारें लगनी शुरू हो गईं। युवा, बुजुर्ग, और महिलाएं सभी वर्ग के लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं।
देहरादून नगर निकाय चुनाव 2024 न केवल एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, बल्कि यह प्रशासनिक तैयारियों, महिला सशक्तिकरण और निष्पक्षता का एक आदर्श उदाहरण भी है। मतदान के दिन प्रशासन के प्रयास और नागरिकों की भागीदारी यह सुनिश्चित करती है कि लोकतंत्र की नींव और मजबूत हो।
आज का मतदान केवल एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है। मतदान करें और लोकतंत्र को सशक्त बनाएं। यह स्लोगन तो अच्छा है लेकिन धरातल पर इसके उल्टा है।