Recycle:- पुरानी वस्तुओं को रीसाइकिल करके हम पर्यावरण को संरक्षित करें-अग्रवाल

जयपुर – शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने एशिया-पेसिफिक के 12वीं क्षेत्रीय 3 आर (Reduce, Reuse, Recycle) और सर्कुलर इकोनॉमी के मंच में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर मंत्री डा. अग्रवाल ने अपने संबोधन में प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में जीईपी (ग्रास एन्वायरमेंट प्रोडक्ट) का भी जिक्र किया।

राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में लगभग 40 एशिया-प्रशांत देशों के करीब 200 अंतरराष्ट्रीय प्रतिभागियों और 300 घरेलू प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के शहरी विकास मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने भी अपना संबोधन में बताया कि मुख्यमंत्री धामी के मार्गदर्शन में प्रदेश में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी (ग्रास एन्वायरमेंट प्रोडक्ट) का आंकलन किया जा रहा है। बताया कि जल, जमीन, जंगल, हवा को समाहित कर जीईपी सूचकांक बनाया जा रहा है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि 3 आर मतलब कम करना,पुन: उपयोग और पुनरावृत्ति करना (Reduce, Reuse, Recycle) और सर्कुलर इकोनॉमी के माध्यम से हम न केवल पर्यावरण को बचा सकते है,

बल्कि एक टिकाऊ और समृद्ध भविष्य भी बना सकते हैं। कहा कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य में स्थानीय संसाधनों का कुशल उपयोग, कचरे का प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देकर हम सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते है।

डा. अग्रवाल ने कहा कि संसाधनों का कुशल उपयोग कर, कचरे को कम कर और पुरानी वस्तुओं को पुनः उपयोग रीसाइकिल करके हम पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण न केवल प्रदूषण को कम करेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा। कहा कि उत्तराखंड जैसे संवेदनशील पारिस्थिति तंत्र में, यह हमें प्राकृतिक संसाधनों का टिकाऊ उपयोग सुनिश्चित करने और हरित भविष्य की ओर ले जाने में मदद करेगा।

डा. अग्रवाल ने एक स्वच्छ, हरित और समृद्ध देश भविष्य के निर्माण को लेकर मंच पर सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि आज देश कचरे से कंचन, कचरे से ऊर्जा और 3 आर को अपनाकर सर्कुलर इकोनॉमी की ओर अग्रसर है।

यह सर्कुलर इकोनॉमी समाज की मजबूत बुनियाद की पहल है। कहा कि हमारे चार धाम गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ में सर्कुलर इकोनॉमी का सर्वश्रेष्ठ मॉडल डिजिटल डिपॉजिट रिफंड सिस्टम के सफल कार्यान्वयन के बाद पूरे राज्य में इस प्रणाली को लागू करने जा रही है। इस प्रयास के लिये भारत सरकार ने उत्तराखंड को पुरस्कृत भी किया है।

डा. अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड के सभी निकायों में कार्यरत 4216 सफाई कर्मियों के लिये जीवन बीमा कराया गया है, जिसमें बीमा राशि 05 लाख का प्राविधान किया गया है।

साथ ही जिम्मेदार पर्यटन के महत्व जोर देते हुए और पहाड़ी राज्य में आने वाले पर्यटकों से स्वच्छता को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है। कहा कि पीएम के आवाहन पर निश्चित रूप से देवभूमि में स्वच्छता सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक है।

इस अवसर पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, सचिव श्रीनिवासन सहित कंबोडिया, नेपाल, भूटान, जापान, श्रीलंका, मलेशिया, इंग्लैंड, बांग्लादेश सहित 40 देशों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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