Dialogue  :- सौर स्वरोजगार योजना के लाभार्थियों के साथ किया सीएम धामी ने संवाद 

देहरादून- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की एक अनूठी पहल “मुख्य सेवक संवाद” सौर स्वरोजगार योजना के लाभार्थियों के साथ संवाद किया।

मुख्यमंत्री और जनता के बीच एक सीधा और पारदर्शी पुल है जहां सरकार जनता से नहीं, बल्कि जनता सरकार से संवाद करती है।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है लाभार्थियों से सीधा संवाद करना, योजनाओं की जमीनी स्थिति को समझना और जनसमस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना।

इस संवाद प्रक्रिया में अब तक मुख्यमंत्री 400 से अधिक योजनाओं के लाभार्थियों से रूबरू हो चुके हैं।

इस संवाद के दौरान न केवल योजनाओं की प्रभावशीलता की वास्तविकता सामने आती है, बल्कि योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतें भी चिन्हित होती हैं, जिनका समाधान ऑन द स्पॉट किया जाता है।

ये भी पढ़ें:   trial :- राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंदगी करने पर स्वत दर्ज होगा आपराधिक मुकदमा

इस संवाद प्रक्रिया का लाभ केवल व्यक्तिगत स्तर तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे पूरी प्रणाली में एक नई चेतना और संवेदनशीलता का संचार हो रहा है।

सरकारी योजनाएं जिनका लाभ पहले धीमी प्रक्रिया के चलते लोगों तक समय पर नहीं पहुँच पाता था, अब सीधे संवाद और समाधान के चलते आमजन तक तीव्रता से पहुँच रही हैं।

यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस विजन से भी मेल खाती है जिसमें मातृशक्ति, युवा और वंचित वर्ग को सरकारी योजनाओं से अधिकाधिक जोड़ने की बात कही गई है।

मुख्यमंत्री धामी उसी विजन को उत्तराखंड की धरती पर साकार कर रहे हैं ,बिना किसी मध्यस्थ के वो भी जनता से सीधे संवाद  आयोजित कर संवाद कार्यक्रम किया।

ये भी पढ़ें:   Honored :-  सीएम धामी ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित

यह योजना राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने को प्रोत्साहित करती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं और स्थानीय युवाओं को अपने ही गांव में सम्मानजनक आजीविका मिल रही है।

“मुख्य सेवक संवाद” की सबसे बड़ी खासियत इसकी सहजता और पारदर्शिता है। यहाँ कोई औपचारिक मंच नहीं होता बस एक आम इंसान और राज्य का मुखिया आमने-सामने होते हैं। इस संवाद में मुख्यमंत्री जनता की बातों और सुझावों को गंभीरता से सुनते हैं और तुरंत कार्यवाही के निर्देश देते हैं।

यह लोकतंत्र की उस मूल भावना को जीवंत करता है जहाँ सरकार जनता की सेवा में होती है, और जनता की बात ही प्राथमिकता बनती है। यह पारदर्शिता और सहजता ही इस कार्यक्रम को अन्य राज्यों की तुलना में अलग बनाती है।

ये भी पढ़ें:   Information :- राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली-2002 के अनुपालन पर कार्मिक विभाग सख्त, 15 दिसंबर तक मांगी सूचना

मुख्यमंत्री धामी पूरे देश में पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने इस तरह का सीधा संवाद स्थापित करने का साहसिक और संवेदनशील प्रयास किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्पष्ट कहना है कि यह संवाद कार्यक्रम महज़ शुरुआत है। आने वाले समय में यह सिलसिला लगातार जारी रहेगा और हर महीने राज्य भर के लाभार्थियों से सीधा संवाद कर योजनाओं की समीक्षा की जाती रहेगी।

साफ है कि “मुख्य सेवक संवाद” सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनभागीदारी, लोकतांत्रिक सहभागिता और उत्तरदायी शासन का वह प्रारूप है जो आने वाले समय में अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बन सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *