Eclipse :- जानें क्या है पूर्ण और आंशिक चंद्र ग्रहण

देहरादून 7 सितम्बर 2025।

आकाशीय घटनाओं में रुचि रखने वालों के लिए चंद्र ग्रहण एक रोमांचक खगोलीय घटना है। चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है,

जिसके कारण पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। यह घटना केवल पूर्णिमा की रात को ही हो सकती है, जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में होते हैं।

चंद्र ग्रहण के प्रकार

पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse): यह तब होता है जब पूरा चंद्रमा पृथ्वी की गहरी छाया,

जिसे अंब्रा (Umbra) कहते हैं, में पूरी तरह ढक जाता है। इस दौरान चंद्रमा लाल रंग का दिखाई दे सकता है, जिसे “ब्लड मून” भी कहा जाता है। यह दृश्य बेहद आकर्षक और दुर्लभ होता है।

आंशिक चंद्र ग्रहण (Partial Lunar Eclipse): इस स्थिति में चंद्रमा का केवल एक हिस्सा ही पृथ्वी की छाया (अंब्रा) में प्रवेश करता है।

इस दौरान चंद्रमा का कुछ हिस्सा अंधेरा दिखता है, जबकि बाकी हिस्सा सामान्य रूप से चमकता रहता है।

कब देख सकते हैं चंद्र ग्रहण?

चंद्र ग्रहण को देखने के लिए विशेष उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती, और यह नंगी आंखों से देखा जा सकता है।

हालांकि, यह घटना केवल उन क्षेत्रों में दिखाई देती है जहां उस समय रात होती है और चंद्रमा क्षितिज से ऊपर होता है।

सांस्कृतिक महत्व

भारत में चंद्र ग्रहण का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। कई समुदायों में इसे विशेष पूजा-पाठ और रीति-रिवाजों के साथ जोड़ा जाता है।

हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह एक सामान्य खगोलीय घटना है जो पृथ्वी और चंद्रमा की गति को समझने में मदद करती है।

चंद्र ग्रहण प्रकृति का एक अनोखा नजारा है, जो हमें ब्रह्मांड की विशालता और सुंदरता का एहसास कराता है।

आज चंद्र ग्रहण का इंतजार करें और इस खगोलीय चमत्कार का आनंद लें।

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