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हत्या व डकैती के मामले में 12 साल से फरार चल रहे अभियुक्त को पुलिस ने जालंधर से किया गिरफ्तार,panchurvarta.com,

देहरादून – एसएसपी देहरादून ने आपराधिक मामलों में वांछित और फरार चल रहे अभियुक्तों की धरपकड़ के लिए सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित करते हुए पुलिस टीमों को गैर प्रान्तों को रवाना किया गया है।

थानाध्यक्ष राजपुर ने थाने में पंजीकृत मुकदमा अपराध संख्या 33/12 धारा 302, 201, 396, 412, 420, 471, 120 बी, भादवि में न्यायालय से जमानत लेने के बाद विगत 12 सालों से फरार चल रहे अभियुक्त अजय पुत्र भारत भूषण निवासी गांव नगरा निकट रेलवे फाटक बिजलिपला, थाना बिलगा जालंधर की गिरफ्तारी को पूर्व में न्यायालय से गैर जमानती वारंट जारी हुए थे। पुलिस ने अभियुक्त के सभी संभावित ठिकानों में दबीशों दे रही थी इसी के चलते अभियुक्त अपनी गिरफ्तारी से बचते हुए लगातार फरार चल रहा था। गठित पुलिस टीम ने अभियुक्त के संबंध में छानबीन करते हुए सर्विलांस के माध्यम से भी जानकारी एकत्रित की गई तथा मुखबिर तंत्र का सक्रिय किया गया। पुलिस द्वारा किये गए अथक प्रयासों से पुलिस टीम को अभियुक्त के जालंधर में छिपे होने की जानकारी प्राप्त हुई। जिस पर तत्काल पुलिस टीम को जालंधर रवाना किया गया। पुलिस टीम द्वारा जालंधर में अभियुक्त के संबंध में गोपनीय रूप से जानकारी एकत्रित करते हुए 05 जनवरी 24 को अभियुक्त अजय पुत्र भारत भूषण को जालंधर से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की।

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अभियुक्त के साथी कुलविंदर के जालंधर निवासी संजीव नाम के व्यक्ति की पत्नी के साथ अवैध संबंध थे, जिसके चलते अभियुक्त अपने 04 अन्य साथियों के साथ संजीव को लेकर देहरादून आया तथा राजपुर क्षेत्रान्तर्गत मसूरी रोड पर पुरकुल जाने वाले रास्ते में उसकी हत्या कर शव को झाड़ियों में फेंक दिया तथा मृतक संजीव की इनोवा कार को लूट कर मौके से फरार हो गए । पुलिस टीम में शामिल उ0नि0 विकेंद्र कुमार, चौकी प्रभारी जाखन,हे0का0 संतोष कुमार,का0 जितेंद्र ने उक्त घटना में अभियुक्त अजय सहित उसके 04 अन्य साथियों कुलविंदर सिंह निवासी जालंधर, मनजीत सिंह निवासी जालंधर , पंकज शर्मा निवासी कांवली रोड देहरादून तथा राहुल कुमार निवासी जम्मू को वर्ष 2012 में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अभियुक्त अजय न्यायालय से जमानत प्राप्त करने के बाद न्यायालय में पेश न होकर लगातार फरार चल रहा था। अभियुक्त का कोई स्थाई ठिकाना नहीं था तथा अभियुक्त द्वारा अपने किराये के मकान के पते को ही पहचान पत्र में अपना स्थाई पता अंकित कराया था, जिस कारण उस तक पहुंच पाना काफी मुश्किल था।

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