देहरादून 16 जून। उत्तराखंड के केदारनाथ क्षेत्र में हुए दुखद हेलिकॉप्टर हादसे के बाद आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया है।
कंपनी के दो प्रबंधकों, बेस मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक, पर सोनप्रयाग पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (BNS) और विमानन अधिनियम 1934 की धारा 10 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
यह कार्रवाई 15 जून को हुए हेलिकॉप्टर क्रैश के बाद की गई, जिसमें सात लोगों की मौत हो गई थी।
हादसे की शिकायत में कहा गया है कि आर्यन एविएशन को 15 जून को सुबह 6 से 7 बजे का हेलिकॉप्टर संचालन स्लॉट आवंटित था, लेकिन हेलिकॉप्टर ने सुबह 5:30 बजे ही उड़ान भर ली थी।
इसके अलावा, सुबह से मौसम खराब होने और बादल छाए रहने के बावजूद उड़ान से पहले मौसम की स्थिति की जांच नहीं की गई। यह डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन माना जा रहा है।
हादसे में आर्यन एविएशन का बेल 407 हेलिकॉप्टर (VT-BKA), जो केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी जा रहा था, गौरीकुंड के जंगली क्षेत्र में क्रैश हो गया।
इस दुर्घटना में पांच यात्री, एक शिशु और पायलट सहित सभी सात लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद चारधाम यात्रा मार्ग पर हेलिकॉप्टर सेवाएं दो दिनों के लिए निलंबित कर दी गईं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने एक आपात बैठक बुलाकर DGCA नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने और उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उड़ान भरने वाले पायलटों के अनुभव की जांच करने के आदेश दिए।
साथ ही, हेलिकॉप्टर संचालन के लिए एक कठोर मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने और एक केंद्रीकृत कमांड सेंटर स्थापित करने का निर्देश भी दिया गया।
DGCA ने भी हादसे की जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) को नियुक्त किया है और चारधाम यात्रा के लिए हेलिकॉप्टर उड़ानों की संख्या में कमी करने का फैसला लिया है।
इसके साथ ही, आर्यन एविएशन की चारधाम यात्रा के लिए संचालन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
इस हादसे ने उत्तराखंड में हेलिकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और संचालन पर सवाल उठाए हैं। जांच पूरी होने तक और सख्त नियम लागू होने तक हेली सेवाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
