राजस्थान में देवउठनी एकादशी के बाद शादी-विवाह का सीजन जोरों पर है। नवंबर-दिसंबर में हजारों शादियां होने वाली हैं,
लेकिन इस खुशी के मौसम में साइबर अपराधी भी सक्रिय हो चुके हैं। जयपुर सहित पूरे राज्य में ठग नकली ई-निमंत्रण (ई-इनवाइट) लिंक भेजकर लोगों को फंसाने का प्रयास कर रहे हैं।
ये लिंक क्लिक करते ही आपके फोन में मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है, जिससे निजी जानकारी, बैंकिंग डिटेल्स, OTP और पासवर्ड चोरी हो सकते हैं।
राजस्थान पुलिस ने इस खतरे को लेकर विशेष अलर्ट जारी किया है, ताकि लोग सतर्क रहें।
शादी के मौसम में लोग व्हाट्सएप, सोशल मीडिया (जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम) और ईमेल के जरिए डिजिटल निमंत्रण भेजते-भेजते हैं।
ठग इसी का फायदा उठा रहे हैं। वे फर्जी मैसेज भेजते हैं, जिनमें शादी का आकर्षक ई-कार्ड या लोकेशन शेयरिंग लिंक का दिखावा होता है।
इन लिंक का नाम अक्सर “invitation.apk” या “आमंत्रण.apk” जैसा होता है, जो एक एंड्रॉयड एप्लिकेशन फाइल के रूप में आता है।
क्लिक करने पर क्या होता है? लिंक पर क्लिक करते ही फोन में बैकडोर मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है।
यह मालवेयर चुपके से फोन के कैमरा, SMS, कॉन्टैक्ट लिस्ट, स्टोरेज फाइल्स तक पहुंच बना लेता है।
इसके बाद ठग आपके बैंक अकाउंट से पैसे उड़ा सकते हैं, नई लोन ले सकते हैं या अन्य धोखाधड़ी कर सकते हैं।
लक्ष्य: मुख्य रूप से एंड्रॉयड यूजर्स, क्योंकि APK फाइलें आसानी से इंस्टॉल हो जाती हैं। लेकिन iOS यूजर्स को भी गिफ्ट लिंक या फर्जी वेबसाइट्स के जरिए निशाना बनाया जा रहा है।
हाल के मामले: जयपुर में पिछले एक सप्ताह में कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जहां लोगों ने अनजान नंबर से आए ई-इनवाइट पर क्लिक किया और उनके फोन हैक हो गए।
पुलिस के अनुसार, त्योहारों और शादियों के समय लोग भावुक होकर जल्दबाजी में लिंक खोल लेते हैं, जिससे ऐसे हमले बढ़ जाते हैं।
पुलिस की चेतावनी: साइबर क्राइम यूनिट का अलर्ट
राजस्थान पुलिस के साइबर क्राइम डीआईजी विकास शर्मा ने कहा, “शादी के निमंत्रण के नाम पर ठगों का यह नया पैंतरा खतरनाक है।
लोग किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। सेंडर की पहचान जरूर जांचें।
पुलिस मुख्यालय ने सोशल मीडिया पर भी जागरूकता अभियान चलाया है।
क्या करें अगर लिंक आए? भेजने वाले से फोन पर कन्फर्म करें। अगर संदिग्ध लगे, तो तुरंत डिलीट कर दें।
शिकायत कहां करें? अगर ठगी हो जाए, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या वेबसाइट https://cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें।
जयपुर में पुलिस हेल्पडेस्क नंबर: 9256001930 या 9257510100।177777
बचाव के 5 आसान उपाय: खुद को सुरक्षित रखें
राजस्थान पुलिस और साइबर विशेषज्ञों ने ये सुझाव दिए हैं:
सेंडर चेक करें: ई-इनवाइट या गिफ्ट लिंक भेजने वाले की पहचान सत्यापित करें। अनजान नंबर से आए मैसेज इग्नोर करें।
अज्ञात स्रोत बंद रखें: फोन सेटिंग्स में “Install from unknown sources” को डिसेबल करें। इससे APK फाइलें अपने आप इंस्टॉल नहीं होंगी।
आधिकारिक स्टोर यूज करें: कोई ऐप या लिंक डाउनलोड करने से पहले Google Play Store या Apple App Store से ही लें।
एंटीवायरस इंस्टॉल करें: विश्वसनीय सिक्योरिटी ऐप (जैसे Avast या Norton) लगाकर फोन स्कैन करते रहें।
संदिग्ध मैसेज डिलीट: ऐसे लिंक को न खोलें, न फॉरवर्ड करें। दोस्त-रिश्तेदारों को भी अलर्ट करें।