उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के लक्सर क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया है।
बच्चों के बीच पटाखे फोड़ने को लेकर हुए मामूली विवाद ने इतना भयानक रूप ले लिया कि एक व्यक्ति ने निर्दोष बच्चों पर ज्वलनशील पदार्थ (तेजाब) फेंक दिया।
पुलिस ने इस सनसनीखेज मामले के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसके निशानदेही पर एक दुकान से करीब 800 लीटर अवैध तेजाब बरामद किया गया।
दुकानदार फरार होने के कारण उसकी तलाश तेज कर दी गई है। यह कार्रवाई न केवल पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने की दिशा में एक कदम है,
बल्कि अवैध रसायनों के व्यापार के बड़े नेटवर्क को उजागर करने की शुरुआत भी मानी जा रही है।
घटना का पूरा विवरण: पटाखों का खेल बना खौफनाक हमला
यह घटना 21 अक्टूबर 2025 को लक्सर के भिक्कमपुर जीतपुर गांव में घटी। पीड़ित शेर सिंह के अनुसार, उनके बच्चे अपने साथी बच्चों के साथ गांव में पटाखे फोड़ रहे थे।
यह त्योहारों के सीजन में आम बात थी, लेकिन इसी सिलसिले में गांव के ही निवासी गोरधन उर्फ दिलेराम (आरोपी) से उनका विवाद हो गया।
विवाद इतना बढ़ गया कि आरोपी ने गुस्से में बच्चों पर ज्वलनशील पदार्थ (जिसे स्थानीय स्तर पर तेजाब कहा जा रहा है) फेंक दिया।
इससे बच्चों के चेहरे, हाथ और शरीर पर गंभीर जलन के घाव हो गए। पीड़ित बच्चों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चों की हालत स्थिर है, लेकिन चेहरे पर स्थायी निशान पड़ने का खतरा बना हुआ है।
पीड़ित शेर सिंह ने अगले ही दिन, यानी 22 अक्टूबर को कोतवाली लक्सर थाने में शिकायत दर्ज कराई।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने जानबूझकर बच्चों को निशाना बनाया, जो एक सुनियोजित हमला था।
इस घटना ने गांव में दहशत फैला दी, और ग्रामीणों ने आरोपी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की।
कोतवाली लक्सर पुलिस ने शिकायत मिलते ही मामले को गंभीरता से लिया और विशेष टीम गठित की।
जांच के दौरान आरोपी गोरधन उर्फ दिलेराम की लोकेशन ट्रैक की गई, और बुधवार देर रात उसे उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि उसने तेजाब एक स्थानीय दुकान से खरीदा था।
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने तहसीलदार प्रताप चौहान के नेतृत्व में छापेमारी की।
छापा लक्सर के सिवा नामक दुकानदार की पंसारी दुकान पर मारा गया। वहां से करीब 800 लीटर अवैध ज्वलनशील पदार्थ (तेजाब जैसा रसायन) जब्त किया गया,जो खुले में रखे ड्रमों में स्टोर था।
यह मात्रा इतनी अधिक थी कि इससे दर्जनों ऐसी घटनाएं हो सकती थीं। छापेमारी के दौरान दुकानदार मौके से फरार हो गया,
जिसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर तलाश शुरू कर दी। एसएसपी हरिद्वार ने बताया कि आरोपी और दुकानदार के बीच लंबे समय से साठगांठ थी, और यह तेजाब अवैध रूप से बेचा जा रहा था।
पुलिस ने आरोपी गोरधन उर्फ दिलेराम के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 124(2) (आपराधिक धमकी या हमला) और पॉइजन एक्ट 1919 की धारा 6 (विषाक्त पदार्थों के अवैध उपयोग और बिक्री) के तहत मामला दर्ज किया है।
फरार दुकानदार के खिलाफ भी समान धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है। आरोपी को कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से उसे जेल भेजने की प्रक्रिया चल रही है।
पुलिस का कहना है कि जांच में और लोग फंस सकते हैं, खासकर यदि यह तेजाब का बड़ा रैकेट साबित होता है।
इलाके में हड़कंप: ग्रामीणों की चिंता और पुलिस की अपील
इस घटना के बाद भिक्कमपुर गांव और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है।
ग्रामीणों का कहना है कि अवैध रसायनों की बिक्री गांवों में आम हो गई है, जो बच्चों और महिलाओं के लिए खतरा बन रही है।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “पटाखों का विवाद तो रोज होता है, लेकिन तेजाब फेंकना तो जानलेवा है। पुलिस को पूरे नेटवर्क को जड़ से उखाड़ना चाहिए।”
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि यदि उन्हें अवैध रसायनों या संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी हो, तो तुरंत थाने में सूचना दें।
एसएसपी हरिद्वार ने कहा, “हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं। आरोपी को सजा दिलाना हमारी प्राथमिकता है, और पीड़ित बच्चों को हर संभव सहायता दी जाएगी।”
यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर सतर्कता बरतने की याद दिलाती है, बल्कि अवैध रसायनों के व्यापार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की नजर डालने की मांग भी करती है।
पीड़ित परिवार ने पुलिस की सराहना की है, लेकिन पूर्ण न्याय तक उनकी चिंता बरकरार है।