कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतमसिंह ने कहा कि उत्तराखंड में लाखों युवा सरकारी नौकरी के लिये कड़ी मेहनत और कठिन परिश्रम कर रहे हैं।
लेकिन भर्ती परीक्षाओं में नकल माफियाओं के आगे प्रदेश सरकार बेबस नज़र आ रही है।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में हुए,
पेपर लीक घोटाले के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर उत्तराखंड के युवा सड़कों पर आंदोलनरत है।
लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार इस नकल प्रकरण को गम्भीरता से लेने की बजाय इसे साम्प्रदायिक रंग देने में जुटी हुई है।
पेपर लीक तंत्र को सोची-समझी रणनीति के तहत ‘नकल जिहाद’ बताना भाजपा के दोहरे चरित्र को बेनकाब करता है।
सरकार ने पेपर लीक कांड की जांच के लिये एसआईटी का गठन किया गया है। जिस प्रकार से नकल प्रकरण में भाजपा से जुड़े लोगों के नाम सामने आ रहे हैं।
उसे देखते हुए एसआईटी द्वारा निष्पक्ष जांच किये जाने की संभावना बेहद क्षीण है।
उत्तराखंड सरकार को परीक्षा निरस्त करते हुए पेपर लीक कांड की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से करानी चाहिये,
ताकि सरकारी भर्ती परीक्षाओं की शुचिता के प्रति प्रदेश के नौजवानों का विश्वास कायम रखा जा सके।