Earthquake:-अफगानिस्तान में विनाशकारी भूकंप: 1,100 से अधिक मौतें, हजारों घायल, गांव तबाह

जलालाबाद/काबुल, 2 सितंबर 2025।  अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में आए शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें अब तक 1,100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

और 3,500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यह भूकंप 31 अगस्त 2025 को रात करीब 11:47 बजे (स्थानीय समय) आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.0 मापी गई।

 भूकंप का केंद्र नंगरहार प्रांत के कुंज कुनार जिले में था, जो जलालाबाद से 27 किलोमीटर पूर्व-उत्तर-पूर्व में स्थित है।

और पाकिस्तान की सीमा से मात्र 25 किलोमीटर दूर है। भूकंप की गहराई केवल 8 किलोमीटर थी, जिस कारण इसका प्रभाव और अधिक विनाशकारी रहा।

भूकंप रविवार रात को आया, जब अधिकांश लोग सो रहे थे। इसका केंद्र 34°31′08″N 70°44′02″E पर था।

प्रभावित क्षेत्र मुख्य रूप से नंगरहार, लगमन और कुनार प्रांत हैं, जहां पहाड़ी इलाकों में गांव पूरी तरह से तबाह हो गए।

कुनार प्रांत में नुरगल जिले के वदिर, शोमाश, मसूद और अरीत जैसे गांवों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा, जहां सैकड़ों घर ढह गए।

 भूकंप के झटके पाकिस्तान के पेशावर, इस्लामाबाद और लाहौर तक महसूस किए गए, साथ ही भारत के दिल्ली जैसे हिस्सों में भी हल्के कंपन महसूस हुए।

 अब तक 13 आफ्टरशॉक रिकॉर्ड किए गए हैं, जिनमें दो की तीव्रता 5.2 थी।तालिबान सरकार और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के अनुसार, मौतों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

शुरुआती रिपोर्टों में 800 से अधिक मौतें बताई गई थीं, लेकिन नवीनतम अपडेट में यह आंकड़ा 1,109 तक पहुंच गया है,

जबकि घायलों की संख्या 2,938 से अधिक है। अफगान रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने यह आंकड़े जारी किए हैं, जिसमें कहा गया है कि बचाव कार्य जारी हैं और संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है।

कुनार प्रांत: सबसे ज्यादा प्रभावित, जहां 800 से अधिक मौतें हुईं और 2,500 से ज्यादा घायल। यहां पांच जिलों में भारी नुकसान हुआ, और नुरगल जिले में सैकड़ों शव मलबे से निकाले गए।

नंगरहार प्रांत: 12 मौतें और 255 घायल। दाराई नूर जिले में सबसे ज्यादा प्रभाव।लगमन प्रांत: 80 घायल, जिनमें 58 अलींगार जिले से। कम से कम 14 घर ढहे।

नुरिस्तान प्रांत: 4 घायल।

पंजशीर प्रांत: 5 घर तबाह।

संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि कम से कम 12,000 लोग सीधे प्रभावित हुए हैं,

और मौतों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई गांव अभी भी पहुंच से बाहर हैं।

भूकंप ने मुख्य रूप से मिट्टी और पत्थर से बने घरों को निशाना बनाया, जो पहाड़ी इलाकों में आम हैं। कम से कम 600 घर पूरी तरह से ढह गए या क्षतिग्रस्त हो गए।

अफगान रेड क्रिसेंट के अनुसार, कुल 8,000 घर प्रभावित हुए हैं। कुनार में सड़कें भूस्खलन से अवरुद्ध हो गईं, जिससे बचाव कार्य बाधित हुए।

कई गांव पूरी तरह से मलबे में दब गए, और स्थानीय निवासियों ने रात भर हाथों से मलबा हटाकर अपनों को खोजा।

प्रभावित क्षेत्र में हाल ही में बाढ़ भी आई थी, जिसमें 5 लोगों की मौत हुई, जिसने स्थिति को और जटिल बना दिया।

118216 आर्थिक नुकसान का अनुमान अभी नहीं लगाया गया है, लेकिन तालिबान ने आपदा राहत के लिए 100 मिलियन अफगानी (करीब 1.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर) आवंटित किए हैं।

तालिबान सरकार ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया। प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि स्थानीय अधिकारी और स्वयंसेवक रात भर काम कर रहे हैं।

एक विशेष समिति का गठन किया गया, जिसकी अगुवाई ग्रामीण पुनर्वास मंत्री मोहम्मद यूनुस अखुंदजादा कर रहे हैं।

रक्षा मंत्रालय ने हेलीकॉप्टरों से 30 डॉक्टर और 800 किलोग्राम दवाइयां कुनार पहुंचाईं, और 40 उड़ानों से 420 घायलों को नंगरहार रीजनल अस्पताल ले जाया गया।

अफगान रेड क्रिसेंट सोसाइटी ने आपातकालीन टीमों को भेजा, और नंगरहार में स्वयंसेवकों ने रक्तदान किया। हालांकि, संसाधनों की कमी के कारण तालिबान ने अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की है।

संयुक्त राष्ट्र ने सहायता टीमों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने चिकित्सा सामग्री सहित मानवीय सहायता की पेशकश की।

भारत ने 1,000 टेंट और 15 टन खाद्य सामग्री अफगानिस्तान भेजी है। CARE जैसी संगठनों ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान में पहले से ही 23 मिलियन लोग सहायता पर निर्भर हैं, और राहत कार्यों के लिए फंडिंग की कमी है।

यह भूकंप अफगानिस्तान के इतिहास में सबसे घातक घटनाओं में से एक है, जो देश की भूकंपीय सक्रियता को दर्शाता है। यूरोपीय प्लेट में महाद्वीपीय विकृति के कारण यहां भूकंप आम हैं।

 स्थानीय निवासियों का कहना है कि उनकी पीड़ा कभी खत्म नहीं होती, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से तत्काल मदद की जरूरत है।

 बचाव कार्य जारी हैं, और आने वाले दिनों में और अपडेट की उम्मीद है।

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