देश के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने आज राष्ट्रपति भवन में भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुबह 10:30 बजे आयोजित भव्य समारोह में उन्हें शपथ दिलाई।
यह समारोह पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा देने के बाद हुए।
चुनाव के परिणामस्वरूप आयोजित किया गया था। राधाकृष्णन ने 9 सितंबर को हुए।
चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के रूप में विपक्ष के बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के अंतर से हराया था, जिसमें उन्हें 452 वोट प्राप्त हुए।
इस ऐतिहासिक अवसर पर देशभर से प्रमुख राजनेता, मंत्रिमंडल के सदस्य और गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समेत ओडिशा, मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी समारोह में शरीक हुए।
शपथ ग्रहण के तुरंत बाद राधाकृष्णन ने राज्यसभा के नेताओं के साथ बैठक भी की, जिसमें संसदीय कार्यों पर चर्चा हुई।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी इस महत्वपूर्ण समारोह में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी वीडियो में धामी को समारोह स्थल पर स्पष्ट देखा जा सका,
जहां वे राष्ट्रपति मुर्मू और अन्य नेताओं के साथ उपस्थित थे। धामी ने इस अवसर पर राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा कि उनका नेतृत्व देश के संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करेगा।
67 वर्षीय सी.पी. राधाकृष्णन महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं और उनका राजनीतिक सफर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव के साथ शुरू हुआ था।
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव जीतने पर उन्हें बधाई देते हुए कहा था कि राधाकृष्णन संसदीय संवाद में सकारात्मक योगदान देंगे। उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्होंने महाराष्ट्र गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था।
यह शपथ ग्रहण समारोह न केवल लोकतांत्रिक परंपराओं का प्रतीक है, बल्कि देश की एकता और विकास के संकल्प को भी दर्शाता है। राधाकृष्णन के कार्यकाल से संसदीय लोकतंत्र को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।