भारतीय डाक सेवा, जो वर्षों से देशवासियों के लिए संदेश और सामान पहुंचाने का एक भरोसेमंद माध्यम रही है, इस बार रक्षाबंधन के मौके पर तकनीकी खामियों के कारण चर्चा में है। डाक विभाग द्वारा हाल ही में शुरू किए गए आईटी 2.0 सॉफ्टवेयर अपडेट ने राखी जैसे महत्वपूर्ण त्योहार के समय डाक सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस अपडेट के कारण देश के कई हिस्सों में डाकघरों में सेवाएं ठप हो गई हैं, जिससे बहनें अपने भाइयों को समय पर राखी भेजने में असमर्थ हो रही हैं। परिणामस्वरूप, कई लोग महंगी कूरियर सेवाओं का सहारा लेने को मजबूर हैं।
सॉफ्टवेयर अपडेट का उद्देश्य और वास्तविकता
भारतीय डाक विभाग ने अपनी सेवाओं को आधुनिक और डिजिटल बनाने के लिए 22 जुलाई 2025 को आईटी 2.0 सॉफ्टवेयर को लागू किया। इस अपडेट का उद्देश्य डाक सेवाओं को सुव्यवस्थित करना, ट्रैकिंग तंत्र में सुधार करना, और ग्राहकों को अधिक सुविधाजनक अनुभव प्रदान करना था। हालांकि, इस सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामियों के कारण डाकघरों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है। देहरादून जैसी सिटी में डाकघरों में पिछले दिन से सेवाएं या तो बंद हैं या बहुत धीमी गति से चल रही हैं।
देहरादून के सचिवालय कर्मचारी ने बताया, “मैं अपने डाकघर बचत खाते से पैसे जमा करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन सॉफ्टवेयर की खराबी के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा। यह समस्या सिर्फ मेरे डाकघर तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में है।” इसी तरह, अदिति ने कहा कि, “मैं अपने भाई के लिए स्पीड पोस्ट से राखी भेजने गई थी, लेकिन दो दिन से डाकघर के चक्कर काट रही हूं। सिस्टम काम नहीं कर रहा, और अब मुझे कूरियर सेवा का सहारा लेना पड़ रहा है, जो काफी महंगा है।”
राखी भेजने में परेशानी
रक्षाबंधन का त्योहार नजदीक है, और इस समय डाकघरों की यह तकनीकी गड़बड़ी बहनों के लिए बड़ी मुसीबत बन गई है। परंपरागत रूप से, भारतीय डाक सेवा राखी भेजने का एक किफायती और विश्वसनीय माध्यम रही है। लेकिन इस बार, सॉफ्टवेयर अपडेट के कारण स्पीड पोस्ट, रजिस्ट्री, और पार्सल सेवाएं प्रभावित होने से लोग परेशान हैं। कई डाकघरों में आर्टिकल ट्रैकिंग सेवा भी पूरी तरह ठप है, जिससे ग्राहकों को यह पता ही नहीं चल पा रहा कि उनकी राखी अपने गंतव्य तक पहुंची या नहीं।
देहरादून के एक डाकघर कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, “नया सॉफ्टवेयर लागू करने से पहले इसकी पूरी तरह से जांच नहीं की गई। सिस्टम बार-बार हैंग हो रहा है, और हम ग्राहकों को कोई ठोस जवाब नहीं दे पा रहे। राखी सीजन में यह समस्या और भी गंभीर हो गई है।”
कूरियर कंपनियों की चांदी
डाकघरों की इस लचर व्यवस्था के कारण लोग निजी कूरियर कंपनियों की ओर रुख कर रहे हैं। हालांकि, कूरियर सेवाएं डाकघर की तुलना में काफी महंगी हैं। उदाहरण के लिए, जहां डाकघर में 20 ग्राम की रजिस्ट्री के लिए 26-27 रुपये खर्च करने पड़ते थे, वहीं स्पीड पोस्ट के लिए भी 150 रुपये देने पड़ रहे हैं। कूरियर कंपनियों में यह लागत और भी अधिक है, जिससे सामान्य नागरिकों पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।
रायपुर की एक बहन ने बताया, “मैं हर साल डाकघर से राखी भेजती थी, क्योंकि यह सस्ता और भरोसेमंद था। लेकिन इस बार सिस्टम की खराबी के कारण मुझे एक निजी कूरियर कंपनी से राखी भेजनी पड़ी, जिसके लिए मुझे कई गुना ज्यादा पैसे देने पड़े।”
डाक विभाग का जवाब
डाक विभाग के अधिकारियों ने इस समस्या को स्वीकार किया है और कहा है कि तकनीकी टीम इस मुद्दे को हल करने में जुटी हुई है। सहारनपुर के डाक विभाग के अधिकारी गोविंद मोहन
ने एक बयान में कहा, “हम इस तकनीकी गड़बड़ी को जल्द से जल्द ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि जल्द ही सेवाएं सामान्य हो जाएंगी।” हालांकि, इस बयान से उन लोगों को ज्यादा राहत नहीं मिली है, जो राखी भेजने के लिए डाकघरों पर निर्भर हैं।
रजिस्ट्री सेवा बंद होने से और दिक्कत
इस बीच, डाक विभाग ने 1 सितंबर 2025 से रजिस्ट्री बुकिंग सेवा को बंद करने का फैसला किया है। अब लोग केवल स्पीड पोस्ट के जरिए ही पार्सल भेज सकेंगे, जो रजिस्ट्री की तुलना में महंगा है। रजिस्ट्री सेवा में पावती (एक्नॉलेजमेंट) की सुविधा होती थी, जो डिलीवरी की विश्वसनीयता सुनिश्चित करती थी। स्पीड पोस्ट में इस सुविधा के अभाव और देरी की शिकायतों के कारण कई लोग इसे कम भरोसेमंद मानते हैं।
उपभोक्ताओं की मांग
उपभोक्ताओं ने मांग की है कि डाक विभाग इस समस्या का तुरंत समाधान करे और राखी सीजन को ध्यान में रखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था करे। कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि सॉफ्टवेयर अपडेट को त्योहार के बाद लागू किया जाना चाहिए था, ताकि ग्राहकों को परेशानी न हो।
भारतीय डाक सेवा, जो अपनी किफायती और विश्वसनीय सेवाओं के लिए जानी जाती है, इस बार तकनीकी बदलाव के कारण अपने ग्राहकों को निराश कर रही है। रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण त्योहार के समय यह समस्या न केवल डाक विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है, बल्कि आम लोगों को महंगी कूरियर सेवाओं की ओर धकेल रही है। डाक विभाग को इस समस्या का त्वरित समाधान करना होगा, ताकि बहनें अपने भाइयों को समय पर राखी भेज सकें और इस पवित्र त्योहार का उत्साह बना रहे।