चकराता -चकराता ब्लाक में बिरसू त्योहार की तैयारियां जोरों पर बिस्सू त्योहार जौनसार क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। बैसाखी से पहले मनाया जाता है बिस्सू पर्व जिसकी तैयारियां एक महीने से चल रही है।
जौनसार के लोग अपने घर की साफ सफाई और एक विशेष प्रकार के पदार्थ से घरों की दीवारों पर पुताई करते हैं और लकड़ी से बने मकान की भी सफाई करते हैं।
देवदार की लड़कियों से बने घर की सफाई के लिए मिट्टी और बांस की खपचियों से पहले उसके घिसाई होती है ताकि लकड़ी में जमा मैल निकल जाये और लकड़ी में चमक आ जाए और लकड़ी में चमक आ जाए, घिसाई होने के बाद एक घास की झाड़ू से फिर से घिसते है घिसाई के बाद लकड़ी को साफ पानी से उसकी धुले की जाती है।
ग्रामीण महिला का कहना है कि इन लड़कियों को भी पानी की आवश्यकता होती है ताकि यह लम्बे समय तक चल सके और सही सलामत रहे इसलिए घर की साफ सफाई साल में लगभग चार बार त्योहारों पर की जाती है।
इस बार यू भी बिस्सू का पर्व ख़ास है क्योंकि इस साल दसाऊ में स्थित चालदा महाराज का मंदिर है और चालदा महाराज यहां पर अभी मौजूद हैं।
इसलिए इस बार बिस्सू का पर्व क्षेत्र वासियों के लिए खास है क्योंकि साल भर में चालदा महाराज अपने नए स्थान के लिए चले जाएंगे और फिर कब चालदा महाराज यहां पर आएंगे यह किसी को नहीं पता।
ग्रामीण महिलाओं का कहना है की विस्सू का पर्व तो हर साल होता है मगर ऐसे बहुत कम होता है कि जब चालदा महाराजा के दसाऊ में रहने पर यहां के लोग धूमधाम से विस्सू त्यौहार मनाते हैं।
और ऐसे बहुत कम लोग हैं जिन्होंने तीन बार विस्सू का त्योहार चालदा महाराजा के रहने पर मनाया हो ऐसे बहुत कम खुश नसीब लोग हैं जिन्होंने अपने जीवन काल में चालदा महाराजा के रहते बिस्सू का पर्व मनाया हो ?

इस लिए इस बार बिस्सू पर्व के मौके पर लोग अपने घरों की साफ-सफाई में जुटे हुए हैं।
बिरसू त्योहार जौनसार क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। करते हैं और नये कपड़े पहनते हैं। इसके अलावा, वे अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर इस त्योहार को मनाते हैं।
बिस्सू त्योहार जौनसार क्षेत्र की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस त्योहार के दौरान लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं को मनाते हैं।