हरिद्वार में रविवार को सुबह करीब 9 के आसपास मनसा देवी मंदिर से 100 मीटर पहले सीढ़ियों के रास्ते पर मची भगदड़ में आठ लोगों की मौत के बाद भी हरिद्वार प्रशासन की नींद नहीं खुली है।
मनसा देवी पर हुए इस हादसे की सबसे बड़ी वजह तारों में उठी चिंगारी के बाद सीढ़ियों पर करंट फैलने की जिसके चलते भगदड़ हुई और इस हादसे में आठ लोगों की जान चली गई।
लेकिन जिस वजह से यह हादसा हुआ उसे दरकिनार करते हुए प्रशासन आज भी कुंभकरण की नींद सो रहा है।
दरअसल मंदिर परिसर और उसके आसपास कई ऐसे स्पॉट हैं जहां बिजली के मीटर के आसपार खुले तार अव्यवस्थित तरीके से लगे हुए हैं।
जिनके कारण कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है लेकिन रविवार को हुए हादसे के बाद भी प्रशासन ने कोई भी सबक नहीं लिया है।
और दो दिन बीत जाने के बाद भी मंदिर परिसर और उसके आसपास खुले में फैले तारों के जाल को ठीक नहीं किया गया है जिससे कभी भी कोई भी हादसा हो सकता है।
मंदिर परिसर में आज भी कई जगह देखे जा सकते हैं खुले तार ,मनसा देवी मंदिर पर हुई भगदड़ के कारणों का पता लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
लेकिन इस हादसे में करंट की जो बात बार बार सामने आ रही है उसे प्रशासन बार-बार नजरअंदाज कर रहा है शायद यही कारण है।
कि हादसे के बाद भी मंदिर और उसके आसपास अभी खुले तारों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा जो आने वाले समय में किसी भी हादसे की बड़ी वजह बन सके हैं।
रविवार को हुई भगदड़ में गई थी 8 की जान, 30 हुए थे घायल,
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर पर सीढ़ियों वाले पैदल मार्ग में मंदिर से 100 मीटर पहले करंट फैलने की अफवाह के चलती अफरा तफरी मच गई।
जिसके कारण इस हादसे में 8 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल भी हुए।
हादसे के बाद राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मृतक के परिजनों को दो-दो लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की,
जबकि मंदिर समिति ने भी मृतकों को पांच-पांच लाख और घायलों को एक लाख रुपए देने की घोषणा कर दी वहीं सरकार ने इस हादसे पर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए।
मनसा देवी हादसे में लोगों की जान जाने का एक कारण वहां का तंग रास्ता भी है जो करीब 8 से 10 फीट का है लेकिन जब दुकान इस रास्ते पर लगती है तो यह रास्ता सिकुड़ कर करीब 6 फीट का रह जाता है।
जिसके चलते रविवार को जब भगदड़ हुई तो रास्ता छोटा होने की वजह से कई लोगों को निकलने में दिक्कतें हुईं जिससे 8 लोगों की मौत हो गईं जिसमें एक 12 साल का बच्चा भी शामिल था।