Headlines

Fuliyat Wisoo :- दसऊ में चालदा महाराज के मन्दिर में फुलियात विस्सू पर्व मनाते जौनसारी लोग

देहरादून  –  चकराता ब्लाक के गांव दसऊ में ग्रामीणों ने फुलियात (बुरांश) पर्व को धूमधाम से मनाया गया, चकराता के जौनसार-बावर क्षेत्र में इन दिनों बिस्सू पर्व की शुरू हो गया है।

दसऊ में 15 खत के तीन गांव जिसमें कितरौली डड़वा और हाजा के लोग दसऊ गांव से पहले सड़क पर एकत्रित हुए और वहां से ढोल दमोह के साथ नाचते गाते,

हाथों में बुरांश के फूल लेकर अपने ईष्ट देव चालदा महाराज के मंदिर में पहुंचे और देवता को बुरांश के फूल चालदा महाराज पर चढ़ाने के बाद बिस्सू पर्व शुरू हुआ।

चालदा महाराज पर तीन गांव के लोगों ने बुरांश के फूल चढ़ाने केेे बाद अगलेेेेे दिन से जौनसार बावर में बिस्सू का पर्व शुरू हो गया।

ये भी पढ़ें:   Dignity of life :- मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी स्थित कालू सिद्ध मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में की पूजा-अर्चना

फुलियात विस्सू के बाद पंचायत आंगन में महिलाएं अपने पारंपरिक वेशभूषा में सज-धज कर आती है और हारुल व नोटी नृत्य करती है। ग्रामीणों ने दसऊ गांव प्रांगण में आयोजित भन्डारे में प्रसाद ग्रहण कर खाना खाया जाता है।

इसके बाद मन्दिर प्रांगण में पौराणिक धनुष बाण (ढोऊडा)  आयोजित हुआ जिसमें लोगों ने टायर से बने जूते और बकरे और भेड़ की ऊन से बने भारी भरकम झंगेल और चोडा को धारण कर इस आयोजन में शामिल हुए।

जैसा कि आप वीडियो में भी देखेंगे की ग्रामीण तीर को दूसरे धनुर्धारी के पैर पर वार करता है तो वहीं दूसरा व्यक्ति अपने पैरों को तीर से बचने के लिए हिलता डुलता रहता है।

ये भी पढ़ें:   Rudrabhishek:- श्री केदारनाथ धाम दर्शन‌ को पहुंचे थलसेना अध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी 

अगर वही तीर दूसरे व्यक्ति के पैरों पर लग जाता है तो बाजीगर ढोल बजाकर तीर लगने वाले व्यक्ति के पूरे खानदान की कुंडली गाकर सुनाता है। ऐसे ही पहला ग्रामीण खड़ा हो जाता है और दूसरा ग्रामीण ढोऊडा (धनुष) पर तीर चढ़ाकर पैरों पर निशाना लगाने की कोशिश करता है।

जबकि शनिवार सुबह से ही बारिश हो रही थी बारिश के बावजूद भी ग्रामीण पंचायती आंगन में एकत्रित हुए और जंगल से बुरांश के फूल लाकर सबसे पहले ईष्ट देवता के मंदिर में अर्पित करते हैं।

शनिवार को चालदा महाराज मंदिर में फुलियात पर्व मनाया गया था। इसके बाद जौनसार के अलग-अलग खतों में रविवार सुबह से फुलियात विस्सू के साथ हर गांव में पर्व का जश्न शुरू हो गया है।

ये भी पढ़ें:   Dignity of life :- मुख्यमंत्री ने हल्द्वानी स्थित कालू सिद्ध मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में की पूजा-अर्चना

इसके बाद सभी गांव के मंदिरों में लोकनृत्य व देवगीत गाकर एक दूसरे को पर्व की बधाई दी जाती है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *