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Kisan Chaupal :- केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान ने विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत किसानों से किया संवाद

देहरादून, 6 जून : – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज उत्तराखंड के देहरादून जिले के थानों रोड स्थित ग्राम पाववाला सौड़ा में विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत आयोजित किसान चौपाल में हिस्सा लिया।

इस दौरान उन्होंने किसानों, मजदूरों और कृषि से जुड़े लोगों से ‘खाट पर संवाद’ किया और उनकी समस्याओं को सुना। इस अवसर पर उन्होंने पौधारोपण भी किया, जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।

विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के नौवें दिन आयोजित इस चौपाल में  चौहान ने किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, सरकारी योजनाओं और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व के बारे में जागरूक किया।
उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘लैब टू लैंड’ विजन को साकार करने को उन्होंने जोर देकर कहा कि विकसित भारत के लिए विकसित खेती और समृद्ध किसान आवश्यक हैं।
केंद्रीय मंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा, “किसान हमारे अन्नदाता और जीवनदाता हैं। उनकी समृद्धि के बिना देश का विकास अधूरा है।
इस अभियान के जरिए 16,000 वैज्ञानिकों की 2,170 टीमें देश के 700 से अधिक जिलों में 1.5 करोड़ किसानों तक पहुंच रही हैं,
ताकि वैज्ञानिक शोध और तकनीक सीधे खेतों तक पहुंचे।” उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि नकली दवाइयों और कीटनाशकों के खिलाफ सख्त कानून बनाए जाएंगे।
इस दौरान  चौहान ने किसानों से उनकी चुनौतियों और नवाचारों पर चर्चा की, ताकि कृषि अनुसंधान को और प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने कहा, “खेती को समझने के लिए किसानों के बीच जाना जरूरी है।
यह अभियान न केवल तकनीक को किसानों तक ले जाएगा, बल्कि उनके अनुभवों को भी वैज्ञानिकों तक पहुंचाएगा कार्यक्रम में स्थानीय किसानों, पशुपालकों और मत्स्य पालन से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय मंत्री ने प्रगतिशील किसानों को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर हरियाणा में धान की दो नई किस्मों के विकास का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि ये किस्में 20% कम पानी में 30% अधिक उत्पादन दे सकती हैं।
विकसित कृषि संकल्प अभियान’ 29 मई से 12 जून तक देशभर में चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य खरीफ सीजन से पहले किसानों को आधुनिक तकनीकों और सरकारी योजनाओं से जोड़ना है।
इस अभियान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) और 731 कृषि विज्ञान केंद्रों की टीमें सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं।

यह आयोजन उत्तराखंड के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, क्योंकि यह उन्हें नवीनतम कृषि तकनीकों और सरकारी सहायता से जोड़ने का अवसर प्रदान करता है।

 चौहान ने किसानों से आह्वान किया कि वे वैज्ञानिक प्रयोगों का लाभ लें और विकसित भारत के सपने को साकार करने में योगदान दें।

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