चकराता -चकराता में माघ संक्रांत का त्योहार ,उत्तरकाशी में मिराज के रूप में मानते हैं। चकराता ब्लाक के हनोल में बीस गतै को महासू देवता के मन्दिर में बकरे की बलि दी जाती है,
यहां बलि देने के एक हफ्ते बाद उसी दिन सुबह पहले गांव के मन्दिर में बजीर के बकरे की पूजा होती हैं, और फिर बलि दी जाती है।
बलि देने के बाद मन्दिर के आंगन में पहले बकरी को कटते हैं इस के उपरांत फिर गांव में जितने परिवार होते हैं एक -एक करके बकरे या बकरे को कटते हैं।
10 तारीख़ से लेकर 12 जनवरी तक बकरे कटते हैं।और फिर संक्रांत मनाई जाती है। एक ख़त मैं 15 गांव होते है और इन 15 गांवों में 365 परिवार है ये सभी 27 गतै शनिवार के दिन 365 बकरे कटे हैं।
ऐसे ही कल रविवार को कालसी ब्लॉक केे लाखामंडल और उससे लगे गांव में बकरे कटेंगे, बकरे कटने के बाद ग्रामीण बकरे को अपने घर ले जाते हैं और बकरे की खाल हटाकर मांस को साफ करते हैं।
और घर के चरों कोनों में बने कुंडे में रस्सी लगाकर उस पर मांस के पीसों को लटका दिया जाता है।