Offering of Arghya:-  मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने छठ पूजा में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते

देहरादून 27 अक्टूबर 2025।

छठ महापर्व के तीसरे दिन, जब संध्या अर्घ्य का पावन अवसर आया, तो उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने आयोजित धार्मिक अनुष्ठान में अस्ताचलगामी सूर्य को ठेकुआ,

फल-फूल और जल से भरे कलश का अर्घ्य अर्पित किया। इस अवसर पर उन्होंने सूर्यदेव और छठी मैया से प्रदेश के सभी निवासियों के सुखी,

संपन्न एवं खुशहाल जीवन की हार्दिक कामना की। यह आयोजन न केवल पारिवारिक आस्था का प्रतीक बना,

बल्कि राज्य के शीर्ष प्रशासक द्वारा सामाजिक सद्भाव और सांस्कृतिक एकता को मजबूत करने का संदेश भी दे गया।

छठ घाट में रंग-बिरंगी लाइटों से सजावट की गई थी, जहां पारंपरिक छठ गीतों की धुनें गूंज रही थीं।

संध्या काल में सूर्यास्त के ठीक समय पर मुख्य सचिव ने परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर अर्घ्य चढ़ाया।

  आयोजन में मुख्य सचिव की पत्नी रेखा बर्द्धन और अन्य पारिवारिक सदस्यों ने भी पूर्ण निष्ठा से भाग लिया, जो इस पर्व की पारिवारिक एकजुटता को दर्शाता है।

 एक ओर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन सफेद कुर्ता-पायजामा और वेस्टकोट में सजे हुए थे,

ठेकुआ, केला, सेब और गुड़ जैसे पारंपरिक प्रसादों की व्यवस्था की गई थी, जो छठ पूजा की शुद्धता और प्रकृति पूजा के मूल मंत्र को प्रतिबिंबित करती थी।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस अवसर पर कहा, “छठ पूजा प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता और सूर्यदेव की ऊर्जा से जीवन को रोशन करने का प्रतीक है।

मैं सूर्यदेव और छठी मैया से प्रार्थना करता हूं कि उनका आशीर्वाद उत्तराखंड के हर घर में सुख, समृद्धि और सद्भावना का प्रकाश फैलाए।

प्रदेशवासी व्रत और अनुष्ठान के माध्यम से प्राप्त होने वाली शक्ति से राज्य के विकास में योगदान दें।

  छठी मैया का आशीर्वाद यूं ही समस्त जनमानस पर बना रहे।

छठ पूजा, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में हर्षोल्लास से मनाया जाता है,

इस वर्ष 25 अक्टूबर से शुरू होकर 28 अक्टूबर तक चलेगा। पहला दिन ‘नहाय-खाय’ (25 अक्टूबर, शनिवार), दूसरा ‘खरना’ (26 अक्टूबर, रविवार),

तीसरा ‘संध्या अर्घ्य’ (27 अक्टूबर, सोमवार) और चौथा ‘उषा अर्घ्य’ (28 अक्टूबर, मंगलवार) है।

यह पर्व सूर्यदेव की सष्ठी को समर्पित है, जो व्रतधारी महिलाओं द्वारा परिवार की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति की कामना के साथ मनाया जाता है।

उत्तराखंड में, जहां बड़ी संख्या में बिहारी और पूर्वांचली समुदाय रहता है, यह त्योहार देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर जैसे जिलों में नदियों और घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं द्वारा मनाया जा रहा है।

राज्य सरकार ने छठ पूजा पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है, जिसमें बैंक, कोषागार को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।

इस आयोजन ने न केवल प्रशासनिक स्तर पर छठ पूजा की गरिमा को बढ़ाया, बल्कि यह संदेश भी दिया। कि उच्च पदस्थ अधिकारी भी सांस्कृतिक परंपराओं से जुड़े रहें।

देहरादून के अन्य घाटों पर भी हजारों महिलाएं व्रत रखकर अर्घ्य अर्पित कर रही हैं, जो राज्य में सांस्कृतिक विविधता का सुंदर चित्रण कर रहा है।

छठ महापर्व के माध्यम से सभी प्रदेशवासी एकजुट होकर राज्य के उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहे हैं।

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