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Problems :- वरिष्ठ नागरिकों की समस्याएं सुनेंगे जिलाधिकारी – मुख्यमंत्री

देहरादून,9 जुलाई 2025। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों को गरिमा और संरक्षण प्रदान करने के लिए प्रति प्रतिबद्ध है,

इसी क्रम में जिलाधिकारियों को वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं के समाधान के लिए जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण का पीठासीन अधिकारी बनाते हुए, उन्हें संबंधित शिकायतों का निस्तारण करने को कहा गया है।

 मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए लागू ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 (MWPSC Act, 2007)’ को प्रभावी ठंग से अमल में लाया जाए।

यह अधिनियम वरिष्ठ नागरिकों एवं माता-पिता को उनके बच्चों, बालिक पोते-पोतियों अथवा संपत्ति के उत्तराधिकारियों से भरण-पोषण की वैधानिक व्यवस्था प्रदान करता है।

इस कानून को अमल में लाने के लिए राज्य में जिला स्तर पर कुल 13 अपीलीय भरण-पोषण अधिकरण एवं सब डिविजन स्तर पर 69 से अधिक भरण-पोषण अधिकरण कार्यरत हैं। जहां भरण-पोषण की राशि अधिकतम ₹10,000 प्रति माह निर्धारित की जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला स्तरीय अपीलीय अधिकरण के पीठासीन अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट हैं, इसलिए उन पर इस कानून को सख्ती से अमल में लाते हुए, वरिष्ठ नागरिकों को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी है।

साथ ही तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी भरण पोषण संबंधित अधिकरण के पीठासीन अधिकारी और जिला समाज कल्याण अधिकारी (DSWO) पदेन भरण-पोषण अधिकारी के रूप में जिम्मेदार बनाए गए हैं।

     “संपत्ति हस्तांतरण में सुरक्षा प्रावधान”

कानून के तहत यदि कोई वरिष्ठ नागरिक देखभाल की शर्त पर संपत्ति हस्तांतरित करता है, लेकिन इसके बाद तय शर्तें पूरी नहीं होतीं, तो अधिकरण उस हस्तांतरण को अमान्य घोषित करते हुए, संपत्ति की वापसी सुनिश्चित कर सकता है।

बागेश्वर, चमोली एवं उत्तरकाशी जिलों में निशुल्क वृद्ध एवं निशक्तजन आवास गृह संचालित किए जा रहे हैं। जहां कई जरूरतमंद वरिष्ठ नागरिक निवासरत हैं।

राज्य में वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद का गठन करते हुए रामचंद्र गौड़ को अध्यक्ष, तथा शांति मेहरा, नवीन वर्मा, और  हरक सिंह नेगी को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

उत्तराखंड सरकार अपने वरिष्ठ नागरिकों के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। वरिष्ठ नागरिकों से विनम्र अपील है कि यदि आप जीवन-यापन हेतु उपेक्षित महसूस करते हैं,

तो अविलंब अपने नजदीकी भरण-पोषण अधिकरण (Maintenance Tribunal) अथवा जिला समाज कल्याण अधिकारी (DSWO) से संपर्क करें।

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