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Ravan Dahan :-वर्षों से अहंकारी रावण धूं-धूं कर जलता, मगर फिर भी लोगों के अन्दर अभी भी रावण है जिन्दा

देहरादून – उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी में  विजय दशमी पर्व धूमधाम से मनाया गया। शहर में रेस कोर्स, बन्नू स्कूल, हिंदू नेशनल इंटर कॉलेज, प्रेम नगर,पटेल नगर साहित छ से अधिक जगह पर रावण दहन का कार्यक्रम आयोजन किया गया।

रावण दहन का आयोजन दशहरा कमेटी बन्नू बिरादरी में मतभेद होने के कारण दो  अलग अलग-अलग स्थानों पर हुआ। देहरादून के ऐतिहासिक परेड मैदान में किया गया तो दूसरा रावण दहन बन्नू स्कूल के मैदान में किया गया।

परेड मैदान पर रावण दहन के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई लोग उपस्थित रहे। रावण दहन से पूर्व भव्य शोभा यात्रा भी निकाली गई जो कालिका माता मार्ग से शुरू होकर शहर के कई हिस्सों से होते हुए परेड ग्राउंड पहुंची। शोभा यात्रा में हनुमान आकर्षण का मुख्य केंद्र रहे।

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दशहरा मेला व पुतला दहन देखने भारी संख्या लोग परेड ग्राउंड पंहुचे। तेज़ धमाकों के साथ सबसे पहले लंका दहन किया गया फिर कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतलो को आग लगाई गई, अंत मे हजारों लोगों की भीड़ के समक्ष अहंकारी रावण धूं-धूं कर जल गया।

बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने आतिशबाजी का लुत्फ भी लिया। रावण दहन के अवसर पर मेले का भी आयोजन किया गया जहां बच्चों सहित लोगों ने खरीदारी की। रावण दहन के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

उन्होंने कहा की मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के आदर्शों का अपने जीवन में पालन करना चाहिए। हमें अहंकार से मुक्त होकर सच्चाई के रास्ते पर चलकर देश-प्रदेश की प्रगति में सहायक बनना चाहिए।

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रामायण की कई यादें उत्तराखंड से जुड़ी हुई है जब लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए थे तब हनुमान जी संजीवनी बूटी लेने उत्तराखंड आए थे। हमें देवभूमि उत्तराखंड की गरिमा बनाए रखनी है यहां लव जिहाद ,मजार जिहाद, व थूक जिहाद जैसे कार्यों के लिए कोई जगह नहीं है ।

 

 

 

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