चकराता – देवता का पानी, बहुत समय पहले की बात है चार भाई महासू देवता का मन्दिर देहरादून के चकराता ब्लॉक में हनोल नामक स्थान पर स्थित है।
महासु देवता की प्रसिद्ध पूरे प्रदेश के साथ ही हिमाचल प्रदेश में भी प्रचलित है। ऐसा ही एक किस्सा है जब क्वानू गांव में पानी की समस्या थी।
और पानी न होने की वजह से लोगों को बहुत परेशानी होती थी। तब एक युवक ने महासू देवता को गुहार लगाई और उसकी गुहार सुनकर महासू देवता ने उसे व्यक्ति को एक लौकी के पात्र में जल भेंट किया और कहा कि इसे ले जाकर अपने गांव में फोड़ देना।
लेकिन एक शर्त थी कि रास्ते भर में किसी से भी कोई बातचीत नहीं करनी है। वह व्यक्ति महासू देवता से वरदान स्वरुप लौकी के पात्र में जल लेकर आ रहा था।
और वह व्यक्ति जल लेकर अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने से पहले वह किसी से भी बात नहीं कर रहा था। लेकिन नियति को तो कुछ और ही मंजूर था।
उस व्यक्ति ने पूरे रास्ते भर किसी से भी बातचीत नहीं की और जब वह मताड़ गांव के पास पहुंचा तो वहां बैठे लोगों ने उससे पूछा कि किधर से आ रहे हो और यह हाथ में क्या है।
और इसे लेकर किधर जा रहे हो वह व्यक्ति अपनी राह चलता रहा वहां के निवासियों को बड़ा अजीब लगा और उन्होंने उसे बार-बार उसके बारे में जानने की कोशिश की और इसी कोशिश में वह व्यक्ति बोल पड़ा,
जैसे ही उसे व्यक्ति के मुंह से बोल निकल पात्र में से एक मछली नीचे गिरी और जमीन में समा गई और महासू देवता के वरदान से उसे स्थान पर पानी का उद्गम हो गया और उस स्थान से पानी निकलने लगा।
वह व्यक्ति बहुत निराश हुआ और अपने गांव की ओर चल पड़ा जब वह अपने गांव पहुंचा तो उसने लौकी के पात्र से बचा हुआ जल गांव में एक स्थान पर पटक दिया अब महासू देवता का वरदान था।
तो उसको भी पूरा होना था जहां पर उसे व्यक्ति ने पात्र को पटका था वहां से जलधारा निकाली और इस प्रकार से क्वानू गांव में पानी की समस्या दूर हुई।
यह किस्सा मताड़ गांव के कलमू ने बताई कि किस प्रकार से मताड़ में जल उत्पन्न हुआ और आज इस जल की वजह से हम लोगों की खेती खूब अच्छी हो रही है। और हमें पानी की कोई समस्या नहीं है इसी पानी की धारा में मताड़ गांव के लोगों के तीन घराट भी बने हुए हैं।