देहरादून, 8 जुलाई 2025। जापान से भारत के लिए एक गौरवपूर्ण खबर सामने आई है। उत्तराखंड पौड़ी गढ़वाल के उत्तम सिंह रावत ने जापान में आयोजित एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए बेंच प्रेस प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल अपने नाम किया है।
इस उपलब्धि के साथ ही उत्तम ने न केवल भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय मंच पर रोशन किया, बल्कि अपने ही नेशनल रिकॉर्ड को तोड़कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
यह प्रतियोगिता 7 जुलाई 2025 को जापान में आयोजित हुई थी, जिसमें दुनिया के 25 देशों के पावरलिफ्टरों ने हिस्सा लिया।
गाजियाबाद के इंदिरापुरम, अभय खंड-2 में रहने वाले उत्तम सिंह रावत ने 74 किलोग्राम वेट कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
उनके शानदार प्रदर्शन ने न केवल जजों और दर्शकों का दिल जीता, बल्कि भारतीय पावरलिफ्टिंग के लिए एक नया अध्याय भी लिखा। उत्तम ने अपनी मेहनत, लगन और देशभक्ति की भावना के दम पर यह सिल्वर मेडल हासिल किया।
इस जीत के साथ उन्होंने अपना पिछला नेशनल रिकॉर्ड तोड़कर एक नया राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किया, जो भारतीय खेल इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया।
तिरंगे के साथ मेडल सेरेमनी का सपना हुआ साकार उत्तम सिंह रावत ने अपनी भावनाओं को साझा करते हुए कहा, “मेरे हर लिफ्ट में मेरा भारतीय तिरंगा झंडा मेरे साथ था।
मैं उसे अपने बैग में लेकर आया था, बस उसी पल का इंतज़ार था जब मैं उसे मेडल सेरेमनी में लेकर जाऊं। आज मेरा वो सपना पूरा हुआ।” उनके ये शब्द न केवल उनकी देशभक्ति को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं।
कि उनके लिए यह जीत सिर्फ एक मेडल नहीं, बल्कि देश के सम्मान का प्रतीक है। मेडल सेरेमनी में तिरंगे को गर्व के साथ लहराते देख न केवल उत्तम, बल्कि हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया।
परिवार और क्षेत्र में खुशी का माहौल उत्तम की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से उनके परिवार और गाजियाबाद के इंदिरापुरम क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है।
उनके कोच और भारतीय पावरलिफ्टिंग टीम के वरिष्ठ खिलाड़ी महेश रावत तथा उनके बड़े भाई और पर्सनल ट्रांसफॉर्मेशन कोच जवंत रावत ने उत्तम को इस जीत पर हार्दिक बधाई दी।
महेश रावत ने कहा, “उत्तम ने अपनी मेहनत और अनुशासन से यह साबित कर दिया कि भारतीय खिलाड़ी किसी से कम नहीं हैं। उनकी यह जीत युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है।
भारत के लिए गर्व का पल एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 25 देशों के बीच भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए उत्तम ने न केवल अपनी ताकत का प्रदर्शन किया,
बल्कि यह भी दिखाया कि भारतीय खिलाड़ियों में विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की पूरी क्षमता है। उनकी इस जीत ने न केवल पावरलिफ्टिंग समुदाय को प्रेरित किया है, बल्कि पूरे देश के लिए एक गर्व का क्षण रचा है।
उत्तम का सफर: मेहनत और लगन की मिसाल उत्तम सिंह रावत का यह सफर आसान नहीं था। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से निकलकर जापान के मंच तक पहुंचने के लिए उन्होंने कठिन प्रशिक्षण, अनुशासन और दृढ़ संकल्प का सहारा लिया।
उनके कोच और परिवार का समर्थन उनकी इस सफलता का आधार रहा। उत्तम ने बताया कि इस प्रतियोगिता की तैयारी के लिए उन्होंने कई महीनों तक दिन-रात मेहनत की और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।
भविष्य की उम्मीदें उत्तम की इस जीत ने भारतीय पावरलिफ्टिंग को एक नई दिशा दी है। उनकी उपलब्धि न केवल युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि भारत के छोटे शहरों और कस्बों से निकले खिलाड़ी भी वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ सकते हैं।
उत्तम ने भविष्य में और बड़े लक्ष्यों को हासिल करने की इच्छा जताई है और कहा कि वे अपने प्रदर्शन को और बेहतर करने के लिए कड़ी मेहनत जारी रखेंगे।
निष्कर्ष
उत्तम सिंह रावत की यह उपलब्धि भारतीय खेल इतिहास में एक मील का पत्थर है। जापान में तिरंगा लहराकर और सिल्वर मेडल जीतकर उन्होंने न केवल अपने क्षेत्र और परिवार का, बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है।
उनकी कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने की चाह रखता है। हम उत्तम को उनकी इस शानदार उपलब्धि के लिए बधाई देते हैं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं।