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आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सचिवालय घेराव

देहरादून – प्रदेश भर से आई अगनवाड़ी कार्यकत्रियों का अपनी मांगों को लेकर सचिवालय कूच किया। पुलिस ने सचिवालय से पहले ही  बैराकटिंग लगाकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को रोक लिया आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बैराकटिंग के पास ही धरने पर बैठ गई और सरकार से अपनी मांगों का समाधान करने के लिए कहते आ रही है लेकिन सरकार ने हमारी समस्याओं को अनदेखा कर रही है। इस मामले दो साल पूर्व भी मुख्यमंत्री आवास कूच कर रैली के माध्यम से सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर आकर्षित करने का प्रयास किया गया था।

पिछले साल भी प्रदेश स्तरीय रैली के माध्यम से उच्च अधिकारियों एवं शासन प्रशासन का ध्यान अपनी समस्याओं की ओर आकर्षित किया गया था, कुछ समय पहले विभागीय कैबिनेट मंत्री ने समस्याओं का संज्ञान तो लिया गया लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

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आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को भारत सरकार ने रुपए 4500 तथा राज्य सरकार ने 4800 मानदेय दिया जाता है एवं सहायिकाओं को भारत सरकार   2250 रुपए तथा राज्य सरकार 3000 रूपए का मानदेय दिया जाता है। कई राज्यों में आंगनबाड़ी कर्मचारी का अतिरिक्त मानदेय भी दिया जाता है इन कर्मचारियों का मानदेय 5 वर्ष में एक बार संशोधित होता है। हमे कोई महंगाई भत्ता या वेतन वृद्धि नहीं गई है।

श्रम कानून के तहत मिलने वाले लाभ जैसे ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि, और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ भी हमे नहीं मिलता। वर्तमान महंगाई को देखते हुए और कार्य की अधिकता को देखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय बहुत कम है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का सरकार द्वारा अत्यधिक शोषण किया जाता है।

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सरकार की इस अनदेखी से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं में काफी रोज व्याप्त है अगर सरकार 05 दिनो के अन्दर अन्दर संगठन के प्रतिनिधियों से इन समस्याओं एवं मांगो पर बैठक का समय नही देती तो मजबूरन संघ ने आगामी सत्र से पूर्ण रूप से कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है,

कार्य बहिष्कार के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां केंद्र खोलकर उपस्थित रहेंगे, लेकिन किसी भी प्रकार का कार्य ऑनलाइन या ऑफलाइन विभागीय एवं गैर विभागीय सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे, संघ का आहवान है कि जब तक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मांगों / समस्याओं का शासनादेश अथवा लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता तब तक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां कार्य बहिष्कार पर रहेगा।

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