Headlines

Dehradun News:-लहसुन और लौंग खाने में मस्त इनको करें परास्त

देहरादून – लहसुन और लौंग खाने में जितना इस्तेमाल होता है और खाने का स्वाद बनता है। वही इनका आयुर्वेद में भी होता है इसका इस्तेमाल।

कान में दर्द में लहसुन के रस की 2-3 बूंद गुनगुना कर के कान में दो बार डालें।

लहसुन को कूट कर नारियल या सरसों के तेल में उबाल कर हल्का गर्म रहने पर कान में प्रतिदिन दो या तीन बार डालें।

अफारा यानी पेट फूलना में  लहसुन के 6 मि ली रस शहद के साथ दिन में दो से तीन बार लें।

खांसी जुकाम में एक कली को पीस कर पानी में उबालकर चीनी के साथ ले।

जोड़ो के  दर्द में 5 ग्राम लहसुन पानी में पीसकर शहद के साथ दिन में दो बार लें।गर्म लेप को किसी भी तेल में मिलाकर जोड़ो में लगाना चाहिए।

लौंग का खाने में जितना इस्तेमाल किया जाता है उतना ही इसका आयुर्वेद में भी इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि खांसी में इसका 1/2 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ मिला कर 2-3 बार चढायें।

1 ग्राम चूर्ण से 20 मि.ली. काढ़ा बनाके दिन में 2 या 3 बार लेने से सूखी एवं गीली खांसी में लाभ होता है।

जुकाम/हिचकी :- 1-2 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ तीन बराबर मात्राओं में बाँटकर लें।

अपचन :- 1 ग्राम चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ लें।दाँत में दर्द में कूटी हुई लींग को दाँत में रखें।

श्वास में दुर्गन्ध होने पर इसके छोटे टुकड़ों को चबायें।

कान में दर्द होने पर  नारियल के तेल में उबाल कर गुन-गुना करके कान में डालें। (कान बहने की स्थिति में उपयोग न करें)। इन सभी को करता है परास्त।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *