देहरादून – सहस्त्रताल रेस्क्यू अभियान में अभी तक ग्यारह ट्रैकर्स को हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित निकाल लिया गया है और अन्य दो ट्रैकर्स नजदीकी बेस कैंप में सुरक्षित थे, जो नजदीकी रोड हेड सिल्ला गांव के लिए पैदल निकले चुके हैं।
घटना स्थल से पांच शवों को भी निकाला जा चुका है। इस हादसे में बाईस सदस्यों वाले ट्रैकर्स दल के बाकी चार सदस्यों की खोज एवं बचाव के लिए रेस्क्यू अभियान युद्ध स्तर पर जारी है।

इस बीच दोपहर बाद इस उच्च हिमालयी क्षेत्र में मौसम खराब होने के कारण हेलीकाप्टर रेस्क्यू अभियान में कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिसे देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने घटना स्थल को भेजी गई जमीनी रेस्क्यू टीमों को तेजी से आगे बढ़ने को कहा गया है।
लगभग पैंतीस किमी लंबे इस दुरूह हिमालयी ट्रैक पर घटनास्थल तक पहुंचने में भी रेस्क्यू टीमों को कुछ समय लग रहा है। जमीनी रेस्क्यू टीमें दो विपरीत दिशाओं से घटना स्थल की तरफ तेजी से आगे बढ़ रही हैं।
ट्रैकर्स जिन्हें रेस्क्यू कर देहरादून भेजा गया है – सौम्या कनाले, स्मृति डोलस,शीना लक्ष्मी,एस शिवा ज्योति, अनिल जमतीगे अरुणाचल भट्ट,भारत बोम्मना गौडर,मधु किरण रेड्डी, जयप्रकाश बी एस ये आठों ट्रैकर्स है।
रेस्क्यू किये गए तीन ट्रैकर्स जो अभी नटीण-भटवाड़ी में रुके हैं-एस सुधाकर, विनय एम के, विवेक श्रीधर,
सिल्ला गांव के रास्ते वापस लौटते दो ट्रैकर्स में नवीन ए,रितिका जिंदल।
पांच ट्रैकर्स जिनके शव नटीन हेलिपैड पर लाये गए हैं- सिंधु वाकेलाम,आशा सुधाकर, सुजाता मुंगुरवाडी,विनायक मुंगुरवाडी,चित्रा प्रणीत है।