जगलों को जलने से बचना है तो ना करें ये वाले काम

रुद्रप्रयाग –प्रभागीय वनाधिकारी अभिमन्यु ने वनों की आग से सुरक्षा के लिए सभी जनपद वासियों से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि वनों में लगने वाली आग से वन संपदा के नष्ट होने के साथ ही भू-सतह के अंदर जल रिसाव में कमी आने से जल स्रोतों के परिपोषण पर दुष्प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही अन्य कई प्रतिकूल प्रभाव भी पड़ते हैं।
उन्होंने कहा कि वनाग्नि से सुरक्षा में स्थानीय निवासियों की जागरूकता व सक्रिय सहयोग अनिवार्य है। उन्होंने वनाग्नि की रोकथाम में आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील करते हुए कहा कि वनों के समीप स्थित खेतों में आड़ा जलाते समय विशेष सावधानियां बरती जानी चाहिए। वनों में जलती तीली, बीड़ी, सिगरेट न फेंकने के साथ ही चीड़ की पत्तियों का प्रयोग कंपोस्ट बनाने की अपील की। इसके अलावा उन्होंने बच्चों को खेल-खेल में आग न लगाने, घरों तथा खेतों के आसपास ज्वलनशील पदार्थ, घास-फूल, सूखा कूड़ा-कटकट एकत्र न होने तथा असमाजिक तत्वों द्वारा जानबूझकर आग लगाने पर वन, राजस्व अथवा पुलिस को सूचित कर उन्हें पकड़ने में सहायता आदि की भी अपील की है। वनों में आग लगाने पर की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में जानकारी देते हुए प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि आरक्षित वन में आग लगाना प्रतिबंधित है। उलंघन करने पर भारतीय वन अधिनियम के अनुसार करावास व जुर्माने का भी प्राविधान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *