देहरादून – जैसे-जैसे शरद ऋतु समापन की ओर बढ़ रही है और वसंत ऋतु का आगमन होने जा रहा है वैसे ही दिन के समय गर्मी बाढ़ नहीं शुरू हो गई है और जंगलों में सुख घास,पत्तियां भी गर्मी के कारण जल जाती है।
ऐसे में राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने उत्तराखण्ड राज्य में वनाग्नि की रोकथाम करने के राज्य स्तर पर कम्यूनिटी सेन्टरिक फारेस्ट फायर मॉकड्रिल अभ्यास का आयोजन किया गया।
ऐसे ही बुधवार को आपदा प्रबन्धन केन्द्र में करीब प्रातः 08 बजे स्थानीय लोगों ने सूचना दी की विकासखण्ड कालसी के अमलाव के जंगल में आग लगी हुई है।
इस सूचना पर फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी के साथ फायर फाइटर्स और कलसी थाना के कोतवाल राकेश शाह पुलिस टीम के साथ वहां पहुंचे और यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाया।
आग लगने की सूचना पर एनडीआरएफ की टीम भी वहां पर पहुंची और एनडीआरएफ की टीम ने अपने उपकरणों की स्थापित करते हुए जंगल में लगी आग की लोकेशन ढूंढना शुरू किया।
कालसी में उप जिलाधिकारी कालसी गौरी प्रभात व वन विभाग के कर्मचारी ने अपना कंट्रोल रूम सड़क पर ही स्थपित करते हुए जंगल में लगी आग की जानकारी उच्च अधिकारियों के साथ आदान-प्रदान करनी शुरू कर दी।
राज्य में वनाग्नि की चुनौतियों से समाधान के लिए वनाग्नि की पिछली घटनाओं में आई समस्याओं का ध्यान में रखते हुए आगे की योजनाएं बनाई जाए। वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए जन भागीदारी सुनिश्चित की जाए।