विनोद कुमार सुमन सचिव आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार इस साल मानसून सीजन उत्तराखंड पर कहर बनकर टूट रहा है,
उन्होंने कहा कि पिछले पांच महीने में आपदा की चपेट में आकर उत्तराखंड में 120 से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
जबकि दो हजार से अधिक भवन आपदा की चपेट में आने से लोग बेघर बार हो गए हैं।
वहीं 31 अगस्त 25 को ग्राम पंचायत कितरौली के अंतर्गत ग्राम कितरौली में हरिया पुत्र स्व मांगशीरू का दो मंजिला आवासीय मकान रात भर हो रही मूसलाधार बारिश के कारण मकान पूर्ण रूप गिरकर क्षतिग्रस्त हो गया।
परिवार के सभी सदस्यों ने समय रहते हुए दूसरे मकान में शरण लेकर अपनी जान बचाई,
तो वहीं गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक मची तबाही से बागेश्वर, चमोली, रूद्रप्रयाग में बादल फटने से पांच लोगों की मौत हो गई है जबकि 11 लोग लापता हैं ।
मकान और पशुओं को भी भारी नुकसान पहुंचा है, बरसात के इस सीजन में पानी की हर एक बूंद उत्तराखंड के लिए आपदा साबित हो रही हैं।
इस सीजन में आपदा की चपेट में आकर अभी तक 120 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
जिनमें से 95 लोग अभी भी लापता की श्रेणी में दर्ज हैं । दो हजार से अधिक भवन आपदा की भेंट चढ़ चुके हैं ।
वहीं आपदा से सबसे अधिक प्रभावित उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग , चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिले रहें।
उत्तरकाशी के धराली में पांच अगस्त को आई आपदा के तीन हफ्ते बाद भी मात्र दो लोगों के ही शव बरामद किए जा सकें हैं, जबकि 67 लोग अभी भी मलबे के नीचे कहीं दबे हैं।
आपदा के इस सीजन में रोड़ एक्सीडेंट के मामलों में भी तेजी आ गई । पिछले तीन महीनों में सड़क दुर्घटना में 92 लोग अपनी जान गंवा बैठै है,
जबकि ढाई सौ से अधिक लोग घायल हो गए, सड़कों की हालत ये है कि लोक निर्माण विभाग को अभी तक साढे़ छह सौ करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंच चुका है।