देहरादून – भारत के उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी के प्रवास पर रहे। उन्होंने यहां भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के 2023 बैच के परिविक्षार्थियों के समक्ष वार्षिक कीर्ति चक्र पी. श्रीनिवास स्मारक व्याख्यान दिया।
यह व्याख्यान 1979 बैच के प्रसिद्ध आईएफएस अधिकारी स्वर्गीय पी. श्रीनिवास के सम्मान में प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है, जिन्होंने 1991 में वन संरक्षण के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी।
कुख्यात शिकारी और चंदन तस्कर वीरप्पन को पकड़ने के प्रयास में, वीरप्पन द्वारा उनकी नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी। उन्हें 1992 में मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था।
न्यायमूर्ति धूलिया ने अपने व्याख्यान के दौरान कानून, शासन और पर्यावरण संरक्षण के महत्वपूर्ण अंतर्संबंध पर बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के वनों और वन्यजीवों के संरक्षण और सतत प्रबंधन में आईएफएस अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
न्यायमूर्ति धूलिया ने विकास की जरूरतों और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाने के महत्व पर भी चर्चा की तथा परिवीक्षार्थियों को सलाह देते हुए कहा कि भविष्य में अपने कार्यक्षेत्र में अपने निर्णयों के व्यापक पारिस्थितिक प्रभाव के प्रति सचेत रहें।
अपने बचपन और युवावस्था के उदाहरणों को सामने रखते हुए न्यायमूर्ति धूलिया ने अधिकारियों की ईमानदारी और निष्ठा के उदाहरण प्रस्तुत किए, जिन्होंने उनके जीवन को प्रभावित किया।
उत्तराखंड राज्य के पहले मुख्य सचिव आर.एस. टोलिया को याद करते हुए न्यायमूर्ति धूलिया ने अधिकारियों को ईमानदारी, नैतिक आचरण और उन कानूनी ढाँचों की गहरी समझ के साथ अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जिनके अंतर्गत वे कार्य करेंगे।
उन्होंने परिविक्षाधीन अधिकारियों से कानून के प्रवर्तन और वन संरक्षण के प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध रहने का आग्रह करते हुए इन उभरते हुए अधिकारियों से प्रतिबद्धता, परिश्रम और न्याय की भावना के साथ भारत के पर्यावरणीय भविष्य में योगदान देने का आह्वान किया।
व्याख्यान के दौरान इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी (आईजीएनएफए) के निदेशक डॉ० जगमोहन शर्मा, आईसीएफआरई की महानिदेशक कंचन देवी, आईजीएनएफए के अपर निदेशक राज कुमार बाजपेयी, पीसीसीएफ, उत्तराखंड समीर सिन्हा के साथ-साथ विभिन्न सहयोगी संगठनों यथा- वन अनुसंधान संस्थान,
वानिकी शिक्षा निदेशालय, केंद्रीय अकादमी राज्य वन सेवा, देहरादून, भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून, न्यायपालिका और उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य, भारतीय वन सेवा 2023 बैच के परिवीक्षार्थीगण, यूपीईएस विश्वविद्यालय देहरादून के संकाय सदस्य और विधि स्नातक, इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय वन अकादमी देहरादून के संकाय सदस्य एवं कर्मचारीगण सहित अनेक जन उपस्थित रहे।