देहरादून – मत्स्य विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने वर्ष 2024-25 में किये गये कार्य एवं वर्ष 2025-26 में किये जाने वाले महत्त्वपूर्ण कार्यों की समीक्षा की गयी।
समीक्षा बैठक में मत्स्य विभाग की प्रगति से डा० बी०वी०आर०सी० पुरूषोत्तम सचिव मत्स्य, उत्तराखण्ड शासन द्वारा अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री एवं मंत्री सौरभ बहुगुणा मत्स्य पालन के दिशा निर्देशो में मात्स्यिकी सेक्टर निरन्तर रूप से बढ़ रहा है।
गत वर्ष भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को मात्स्यिकी क्षेत्र में हिमालयी एवं उत्तर-पूर्वी राज्यो की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्य हेतु पुरूस्कृत किया गया है। साथ ही उत्तराखण्ड राज्य अन्तर्गत मात्स्यिकी सेक्टर में तीव्र गति से बढ़ने वाले सेक्टर में तृतीय स्थान पर है।
सचिव मत्स्य, उत्तराखण्ड शासन ने ट्राउट मत्स्य पालकों द्वारा आपूर्ति की जा रही ट्राउट की सप्लाई हेतु आई०टी०बी०बी० के साथ किये गये अनुबंध पर मंत्री का हार्दिक आभार व्यक्त किया गया।
सचिव मत्स्य द्वारा वर्ष 2025-26 में राज्य अन्तर्गत एक वृहद्ध एक्वेयिरम कम डिस्कवरी सेन्टर की स्थापना हेतु किये जा रहे प्रयास, केबिनेट द्वारा स्वीकृत की गयी योजना “ट्राउट प्रोत्साहन योजना” हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये जाने की जानकारी,
जलाशयों में केज कल्चर एवं उत्पादन को बढाये जाने हेतु केन्द्रीय अंर्तस्थलीय मत्स्य की अनुसंधान संस्थान बैरकपुर से कराये जा रहे सर्वेक्षण, रोजगार सृजन हेतु संचालित योजनाओं एवं उनके लक्ष्य, प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह योजना में किये जा रहे कार्यों के सन्दर्भ अवगत कराया गया।
मंत्री सौरभ बहुगुणा ने मत्स्य विकास में विभिन्न तथ्यों की समीक्षा उपरान्त वर्ष 2025-26 में ट्राउट मछली की मार्केटिंग एवं बॉण्डिंग पर विशेष फोकस करते हुए कार्य किये जाने के निर्देश दिये गये जिससे कि ट्राउट मत्स्य पालको को समुचित लिकेंज मिल सके।
गढ़वाल एवं कुमायूँ मण्डल में पशुपालन, डेयरी एवं मत्स्य विभाग की गतिविधियों को सम्मिलित कर 01-01 मॉडल विलेज विकसित किये जाने के निर्देश दिये गये जिसे भविष्य में अन्य स्थानों पर विस्तारित किया जायेगा।
साथ ही राज्य में एंग्लिंग की अपार संभावनाओं के दृष्टिगत इस वर्ष न्यून्तम 3 साईट विकसित किये जाने के निर्देश दिये गये। जून, 2025 से पूर्व ट्राउट मार्केटिंग को बढ़ाये जाने हेतु जनपद देहरादून में एक सेमिनार का आयोजन किये जाने के भी निर्देश दिये गये।
