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Public Court:- राष्ट्रीय लोक अदालत में एक ही दिन में 17 हजार से ज़्यादा वादों का निस्तारण किया

देहरादून 14 दिसम्बर 2025।

देहरादून में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में एक ही दिन में 17,177 वादों का प्रभावी निस्तारण किया गया,

जिसमें से 10,188 मामले विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन थे, जोकि 18,03,82,734 रू० की धनराशि के समझौते पर निस्तारित हुए।

इसके साथ ही 6991वादों का विभिन्न बैंकों व अन्य विभागों द्वारा प्री लीटिगेशन स्तर पर निस्तारण किया गया, जिसमें 3,71,67,254 /- रू० की धनराशि पर समझौता हुआ।

देहरादून राष्ट्रीय लोक अदालत की यह उल्लेखनीय उपलब्धि जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल के कुशल एवं प्रेरणादायी नेतृत्व,

तथा समस्त न्यायिक अधिकारियों की निष्ठा कार्यकुशलता एवं प्रतिबद्धता का सशक्त प्रमाण है।

जिला न्यायाधीश के मार्गदर्शन और सतत प्रेरणा से न केवल अधीनस्थ न्यायालयों में कार्यों की गति तेज हुई,

बल्कि लोक अदालत में पक्षकारों को सुलह और न्याय का सहज वातावरण भी मिला है,

जिससे जनता का विश्वास और भी दृढ़ हुआ है तथा समाज में न्याय भाईचारे और विश्वास की भावना सशक्त हुई है।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,

देहरादून के तत्वावधान में 13 दिसम्बर, 2025 को प्रातः 10.00 बजे से सायं 05.00 बजे तक जिला मुख्यालय देहरादून,

बाह्य न्यायालय ऋषिकेश, विकासनगर, बोईवाला, मसूरी एवं चकराता के न्यायालयों में साल की अंतिम सफल राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।

इस लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम, सिविल मामले, पारिवारिक मामले, चेक बाउन्स से सम्बंधित मामले,

शमनीय प्रकृति के आपराधिक मामलें तथा अन्य प्रकृति के मामले लगाये गये थे।

इस लोक अदालत में मुख्यालय देहरादून में फौजदारी के शमनीय प्रकृति के 511 मामले, बैंक सम्बंधी 507 मामले,

धन वसूली सम्बंधी 26 मामले, मोटर-दुर्घटना क्लेम दाईबुनल के 57 मामले, पारिवारिक विवाद सम्बंधी 59 मामले श्रम सम्बंधी 03 मामले,

मोटर वाहन अधिनियम के अनार्गत शमनीय अपराधों के 8950 मामले एवं अन्य सिविल प्रकृति के 48 मामलों सहित कुल 7261 मामलों का निस्तारण किया गया,

तथा 114546040/- रू० की धनराशि पर समझौता हुआ। स्थाई लोक अदालत में 25 मामलों का निस्तारण किया गया।

साथ ही बाह्य न्यायालय, विकासनगर के न्यायिक अधिकारियों द्वारा लोक अदालत में कुल 1242 मामलों का आपसी राजीनामे की आधार पर निस्तारण किया गया,

जिसमें कुल 12109000/- रू० की धनराशि पर समझौता किया गया तथा बाह्य न्यायालय ऋषिकेश के न्यायिक अधिकारियों द्वारा,

लोक अदालत में कुल 1377 मामलों का निस्तारण कर कुल 27366571/- रूपये की धनराशि पर समझौता किया गया।

बाह्य न्यायालय डोईवाला द्वारा 241 मामलों का निस्तारण कर कुल 24328663/- रूपये की धनराशि पर समझौता किया गया।

बाह्य न्यायालय मसूरी द्वारा 52 मामलों का निस्तारण कर कुल 915917/- रूपये की धनराशि पर समझौता किया गया,

तथा बाड्य न्यायालय चकराता द्वारा 13 मामलों का निस्तारण कर कुल 1116543/- रूपये की धनराशि पर समझौता किया गया।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न बैंकों व अन्य संस्थानों द्वारा प्री-लिटिगेशन स्तर के मामले भी निस्तारित किये गये।

उक्त लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन स्तर के कुल 6991 मामलों का सफल निस्तारण किया गया तथा 3,71,67,254/- रु० की धनराशि पर पक्षकारों के मध्य समझौता हुआ।

सचिव ने कहा कि पूर्व राष्ट्रीय लोक अदालतों में भी अच्छा काम हुआ और  13 सितम्बर 2025 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला देहरादून का उल्लेखनीय एवं उत्कृष्ट प्रदर्शन रहा था,

जिसमें एक ही दिन में लगभग 21 हजार वादों का सफल निस्तारण किया गया था, जिससे जिला देहरादून की पेन्डेन्सी एक लाख से नीचे पहुंब गयी थी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून की सचिव एवं वरिष्ठ सिविल जज सीमा डुँगराकोटी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालतें न्याय प्रणाली की गरिमा को सुदृढ़ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

लोक अदालतों के माध्यम से आपसी सहमति, सौहार्द एवं संवाद की भावना को प्रोत्साहन मिलता है, जिससे समाज में शांति, भाईचारे एवं सामंजस्यपूर्ण वातावरण का निर्माण होता है।

     उन्होंने बताया कि लोक अदालतें आमजन को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय उपलब्ध कराने का एक सशक्त एवं प्रभावी माध्यम है।

लोक अदालतों में पारित किए गए निर्णय अंतिम एवं बाध्यकारी होते हैं तथा प्रकरणों के निस्तारण उपरांत पक्षकारों को उनके द्वारा जमा किया गया न्याय शुल्क भी वापस किया जाता है।

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