देहरादून – दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा की अध्यक्षता में डेरी विकास विभाग की सचिवालय स्थित मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन के सभागार में एक समीक्षा बैठक आयोजित की गयी जिसमें सचिव, डेरी उत्तराखण्ड शासन, निदेशक, डेरी विकास विभाग एवं प्रबन्ध निदेशक, यू०सी०डी०एफ० द्वारा प्रतिभाग किया गया।
राज्य सरकार द्वारा विगत वर्षों में स्वीकृत की गयी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के फलस्वरूप वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश का औसतन दुग्ध उपार्जन 2.12 लाख ली० प्रतिदिन प्राप्त किया गया जो राज्य गठन के उपरान्त सर्वाधिक है।
इसी प्रकार साइंसेज, आंचल पशु आहार, भूसा भेली एवं मिनरल मिक्सचर के विक्रय की प्रगति भी सर्वाधिक रही, जिस पर मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को बधाई दी गयी।
आंचल दूध एवं दुग्ध पदार्थों के विपणन में आशातीत प्रगति नहीं होने पर मंत्री ने विपणन में वृद्धि हेतु कार्ययोजना तैयार कर कार्य करने एवं आगामी 05 से 06 माह में वृद्धि सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
ततसम्बन्धी प्रगति प्राप्त न करने वाले दुग्ध संघों के इकाई प्रभारी पर प्रशासनिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। दुग्ध संघों के व्ययों में कमी लाई जाये इस हेतु समस्त दुग्ध संघों को लक्ष्य आवंटित करते हुए लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित कराई जाये।
मंत्री सौरभ बहुगुणा ने आंचल की मार्केटिंग एवं ब्राण्डिग पर भी विशेष रूप से कार्य किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। आंचल का व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने हेतु प्रदेश के मुख्य स्थलों पर होर्डिंग्स एवं बोर्ड इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये,
साथ ही विभिन्न तरीकों से आंचल की पब्लिसिटी की जाये ताकि अधिक से अधिक उपभोक्ताओं तक आंचल दूध व दुग्ध उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।
केदारनाथ यात्रा मार्ग के साथ-साथ बद्रीनाथ, गंगोत्री एवं यमनोत्री यात्रा मार्गों पर आंचल मिल्क बूथ/पार्लर स्थापित कर श्रद्धालुओं/पर्यटकों हेतु विभिन्न आंचल दूध एवं दुग्ध पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाय