देहरादून –उत्तराखण्ड को अलग राज्य बनाए जाने की मांग को लेकर प्रदेश भर में आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व उक्रांद के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व राज्य मंत्री अधिवक्ता बीo डीo रतूड़ी (77) वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा शोक व्यक्त कर ईश्वर से उनकी आत्म शान्ति हेतु प्रार्थना की। प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि उनका संघर्ष हमेशा याद रहेगा।
उनके अधूरे सपनों को पूर्ण करने को आंदोलनकारी मंच लामबंद रहेगा। उन्होंने कहा कि पृथक राज्य आंदोलन मेँ स्वo इंद्रमणि बडोनी के नेतृत्व मेँ पृथक उत्तराखण्ड की लड़ाई में बहुत संघर्ष किया।
उन्होंने प्रारम्भ से हीं क्षेत्रीय पार्टी उक्रांद में अलग राज्य के लिये हमेशा सक्रिय रहें फिर चाहे वह जेल व गिरफ्तारी हो या धरना प्रदर्शन रहें हो या भूख हड़तालें रही हो या रेल रोको के साथ सभी जिलों में जनजागरण व भ्रमण व गोष्ठियों में शामिल रहते थे।
महामन्त्री रामलाल खंडूड़ी व सलाहकार केशव उनियाल ने बताया कि बीo डीo रतूड़ी एक अधिवक्ता होने के साथ साथ वह 80-के दशक में स्वo गुणानंद पथिक द्वारा रचित गढ़वाली रामलीला गढ़ रामायण में कमेटी के प्रधान थे।औऱ पूरे 14-वर्षो तक गढ़वाली रामलीला कमेटी से जुड़े रहें।
वह उक्रांद को लेकर हमेशा चिन्तित रहते थे। वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़कर गये। वह उक्रांद के टिकट पर टिहरी लोकसभा से सांसद का चुनाव भी लड़ चुके हैं। उनके दो पुत्र व एक पुत्री हैं सभी विवाहित हैं। उनके एक पुत्र लोक निर्माण विभाग मे इंजीनियर पद पर हैं औऱ पुरानी पेंशन संगठन के महासचिव है और दूसरे पुत्र डॉक्टर हैं।
परिजनों के अनुसार अन्तिम संस्कार आज 28 -सितम्बर को प्रातः 09-30 बजे अपने आवास धर्मपुर सुमन नगर से हरिद्वार प्रस्थान करेंगे।