राइन-रूहर, जर्मनी में 16 से 27 जुलाई 2025 तक आयोजित FISU विश्व विश्वविद्यालय खेल 2025 में उत्तराखंड के चमोली जिले के छोटे से गांव मजोठी की बेटी मानसी नेगी ने वॉक रेस की टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर देश और प्रदेश का नाम रोशन किया।
इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मल्टी-स्पोर्ट्स इवेंट में 150 से अधिक देशों के लगभग 10,000 छात्र-एथलीट 18 विभिन्न खेलों में पदक के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे।
मानसी ने अपनी मेहनत, लगन और जज्बे से न केवल भारत का मान बढ़ाया, बल्कि पहाड़ की कठिनाइयों और सीमित संसाधनों के बीच अपने सपनों को उड़ान देने का एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया।
उपलब्धि का स्वर्णिम क्षण
FISU विश्व विश्वविद्यालय खेल 2025 के अंतिम दिन, 27 जुलाई को, मानसी नेगी ने सेजल अनिल सिंह और मुनिता प्रजापति के साथ मिलकर महिलाओं की 20 किलोमीटर रेस वॉक टीम स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया।
भारतीय टीम ने कुल 4:56:06 के समय के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस स्पर्धा में सेजल अनिल सिंह ने 1:35:21 के समय के साथ 15वां, मुनिता प्रजापति ने 1:39:33 के समय के साथ 18वां और मानसी नेगी ने 1:41:12 के समय के साथ 20वां स्थान हासिल किया।
इस इवेंट में चीन ने 4:28:51 के समय के साथ स्वर्ण और ऑस्ट्रेलिया ने 4:31:20 के समय के साथ रजत पदक जीता। यह कांस्य पदक भारत के लिए टूर्नामेंट के अंतिम दिन पहला पदक था,
जिसने भारत के कुल 12 पदकों (2 स्वर्ण, 5 रजत, 5 कांस्य) में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
मानसी की इस उपलब्धि पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें बधाई देते हुए कहा, “मानसी नेगी जी को हार्दिक बधाई!
उनकी यह उपलब्धि प्रदेश के अन्य खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप अपने उत्कृष्ट खेल प्रदर्शन से भविष्य में भी देश और प्रदेश का नाम रोशन करती रहेंगी।
चमोली पुलिस ने भी मानसी को “हीरो ऑफ द डे” बताते हुए गर्व व्यक्त किया।
मानसी नेगी की प्रेरणादायक यात्रा
उत्तराखंड के चमोली जिले के मजोठी गांव की रहने वाली मानसी नेगी की कहानी किसी प्रेरणादायक फिल्म से कम नहीं है।
पहाड़ की दुर्गम परिस्थितियों, सीमित संसाधनों और आर्थिक चुनौतियों के बावजूद मानसी ने अपने दृढ़ संकल्प और मेहनत से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बनाई।
मजोठी जैसे छोटे से गांव में खेल सुविधाओं का अभाव और कठिन भौगोलिक परिस्थितियां किसी भी एथलीट के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती हैं, लेकिन मानसी ने इन बाधाओं को अपनी ताकत में बदला।
मानसी ने अपने करियर की शुरुआत स्थानीय स्तर पर की और धीरे-धीरे अपनी प्रतिभा को निखारते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जगह बनाई।
उनकी सफलता का श्रेय उनकी कड़ी मेहनत, परिवार के समर्थन और खेलो इंडिया जैसी योजनाओं को जाता है, जिन्होंने युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहन दिया।
मानसी नेगी की प्रमुख उपलब्धियाँ
मानसी नेगी ने अपने छोटे से करियर में कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जो उनकी प्रतिभा और समर्पण का प्रमाण हैं:
37वीं नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप, गुवाहाटी (अंडर-20): मानसी ने 10,000 मीटर रेस वॉक में 47:30.94 मिनट के समय के साथ स्वर्ण पदक जीता और राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।
यह उपलब्धि उनके करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव थी, जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में लाया।
82वीं ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी एथलेटिक्स, तमिलनाडु: 20 किलोमीटर वॉक रेस में मानसी ने स्वर्ण पदक हासिल किया, जिसने उन्हें विश्वविद्यालय स्तर के एथलीटों के बीच एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित किया।
FISU विश्व विश्वविद्यालय खेल 2023, चेंगदू, चीन: मानसी ने प्रियंका गोस्वामी, निकिता लाम्बा और पूजा कुमावत के साथ मिलकर महिलाओं की 20 किलोमीटर रेस वॉक टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता।
यह उपलब्धि उनके अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत थी, जिसने उन्हें वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।
FISU विश्व विश्वविद्यालय खेल 2025, राइन-रूहर, जर्मनी: मानसी ने एक बार फिर सेजल अनिल सिंह और मुनिता प्रजापति के साथ मिलकर 20 किलोमीटर रेस वॉक टीम स्पर्धा में कांस्य पदक जीता, जिसने भारत के लिए टूर्नामेंट में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
भारत का प्रदर्शन और संदर्भ
FISU विश्व विश्वविद्यालय खेल 2025 में भारत ने कुल 12 पदक जीते, जिसमें 2 स्वर्ण, 5 रजत और 5 कांस्य शामिल हैं।
तीरंदाजी में भारत का प्रदर्शन सबसे शानदार रहा, जिसमें साहिल राजेश जाधव और परनीत कौर ने व्यक्तिगत कंपाउंड स्पर्धाओं में स्वर्ण और रजत पदक जीते।
इसके अलावा, मिक्स्ड बैडमिंटन टीम और महिला एकल टेनिस में वैष्णवी अदकर ने भी कांस्य पदक हासिल किए।
ओलंपियन अंकिता ध्यानी ने 3000 मीटर स्टीपलचेज में रजत पदक जीतकर भारत की पदक तालिका को और मजबूत किया।
हालांकि, भारत का यह प्रदर्शन चेंगदू 2023 के 26 पदकों (11 स्वर्ण, 5 रजत, 10 कांस्य) की तुलना में कम रहा, लेकिन मानसी जैसे युवा एथलीटों की सफलता भविष्य के लिए आशाजनक है।
प्रेरणा का स्रोत
मानसी नेगी की कहानी न केवल उत्तराखंड के युवाओं के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है।
उनके छोटे से गांव मजोठी से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पदक जीतने की यात्रा यह दर्शाती है कि मेहनत और लगन के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
सोशल मीडिया पर उनकी उपलब्धि की खूब सराहना हो रही है। एक एक्स पोस्ट में लिखा गया, “उत्तराखंड के छोटे से गाँव मजोठी की मानसी नेगी ने पहाड़ की कठिनाइयों,
सीमित संसाधनों और चुनौतियों को पार करते हुए, ये मुकाम अपने दम पर हासिल किया है।”
मानसी की इस उपलब्धि ने न केवल उनके गांव और जिले का नाम रोशन किया, बल्कि यह भी साबित किया कि छोटे शहरों और गांवों से निकलकर भी विश्व स्तर पर सफलता हासिल की जा सकती है।
उनकी कहानी युवा एथलीटों को प्रेरित करती है कि वे अपने सपनों को हकीकत में बदलने के लिए कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ें।
भविष्य की उम्मीदें
मानसी नेगी का यह कांस्य पदक उनकी यात्रा का एक और पड़ाव है। उनके प्रदर्शन को देखते हुए यह स्पष्ट है कि वह भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर सकती हैं।
खेलो इंडिया और टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (TOPS) जैसी योजनाओं के समर्थन से मानसी जैसे एथलीटों को बेहतर प्रशिक्षण और सुविधाएं मिल रही हैं,
जो भारत को भविष्य में ओलंपिक और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और अधिक पदक दिलाने में मदद करेंगी।मानसी नेगी की इस उपलब्धि पर देश और उत्तराखंड को गर्व है।
उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं माननी चाहिए और अपने लक्ष्य की ओर निरंतर प्रयास करना चाहिए। मानसी ने न केवल अपने लिए, बल्कि अपने गांव, प्रदेश और देश के लिए एक मिसाल कायम की है।