गोविन्द चातक पुरस्कार विजेता डॉ. सुरेश मंमगाई का जीवन परिचय

“गोविन्द चातक पुरस्कार” (उत्तराखण्ड की अन्य बोली भाषा में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए)   देहरादून – गोविन्द चातक ने अपनी प्राथमिक शिक्षा टिहरी से और देहरादून से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। स्नातक उतीर्ण उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया और उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से एम.ए किया। आगरा विश्वविद्यालय से ही पी.एच.डी की उपाधि प्राप्त…

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साहित्यकार गिरीश सुन्दरियाल को भजनसिंह सिंह पुरस्कार मिला

“भजनसिंह ‘सिंह’ पुरस्कार” गढ़वाली बोली- भाषा में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए।   देहरादून – भजनसिंह सिंह का जन्म 29 अक्टूबर 1905 में हुआ। उनका जन्म कफोला वंश के अध्यापक पिता रतनसिंह बिष्ट के परिवार पौड़ी जनपद पट्टी सितोनस्यू ग्राम कोटसाड़ा में हुआ था। जन्मते ही माता के स्वर्ग सिधारने से बुआ के असीम लाड-प्यार…

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गुमानी पंत पुरस्कार देवकी नंदन भट्ट

“गुमानी पंत पुरस्कार” (कुमाउंनी बोली- भाषा में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए ) देहरादून – जनकवि गुमानी पंत की जीवनी इस प्रकार से है उनका का जन्म 27 फरवरी, 1790 में काशीपुर वर्तमान उधमसिंहनगर में हुआ था। अपने परिवार की परम्परानुसार गुमानी सर्वप्रथम राजकवि के रूप में काशीपुर नरेश गुमान सिंह देव की राजसभा में…

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उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान में दस साहित्यकारों को किया सम्मानित

देहरादून – उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा आयोजित उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान-2023 में दस साहित्यकारों को विभिन्न पुरस्कारों से नवाजा गया।उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान समारोह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाषा मंत्री सुबोध उनियाल ने पुरस्कार प्रदान किए पुरस्कार स्वरूप स्मृति चिन्ह और अलंकरण पत्र और एक लाख की धनराशि और स्मृति चिह्न प्रदान किए…

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प्रोफेसर ‘बटरोही’ को साहित्य के क्षेत्र में मिला सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार

“सुमित्रानंदन पंत पुरस्कार” (हिन्दी साहित्य में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए) देहरादून -एक झलक स्वर्गीय सुमित्रानंदन पंत की जीवनी पर इससे पहले कि उनके विषय में कुछ लिखा जाए। स्वर्गीय सुमित्रानंदन पंत का जन्म बागेश्वर जिले के कौसानी नामक ग्राम में 20 मई 1900 ई० को हुआ। उनका नाम गोसाई दत्त रखा गया। 1910 में…

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