देहरादून – उत्तराखंड में चार धाम यात्रा का आगाज हो चुका है, इसी के साथ सरकार की व्यवस्थाओं को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं, अब वही बद्रीनाथ में vip दर्शन की व्यवस्था समाप्त कर दी गई है, अब आम श्रद्धालु और वीआईपी श्रद्धालु लाइन में खड़े होकर दर्शन के लिए मंदिर में प्रवेश पाएंगे जिसको लेकर प्रदेश मे राजनिति भी शुरू हो गयी है।
चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से देश- विदेश से बड़ी संख्या मे श्रद्धालुओं के उत्तराखंड पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी है,ऐसे में तीर्थयात्रियों का चारधाम यात्रा के दौरान भीड़ को मैनेज करना, पार्किंग, के साथ ही खराब प्रबंधन के कारण अनेक परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है ।
वही बद्रीनाथ धाम में पुजारियों और स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन के कुप्रबंधन के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया था और दुकानें बंद कर दी थी।पंडा समुदाय और स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
कुछ समय के लिए बाजार और दुकानें बंद रखीं, इससे दर्शन करने पहुंचे तीर्थयात्रियों को काफी असुविधा हुई. दरअसल बद्रीनाथ धाम मे आने वाले वीआईपी लोगों के कारण स्थानीय निवासियों और आम श्रद्धालुओं को घंटों लाइन में इंतजार करने को मजबूर होना पड़ाता है।
बद्रीनाथ मे स्थानीय निवासियों के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन व बद्री केदार मंदिर समिति को बैकफुट पर आना पड़ा और वीआईपी दर्शन समाप्त करने का निर्णय लिया गया।
वही बद्रीनाथ में हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल बिष्ट का कहना है कि चार धाम यात्रा शुरू होने से पहले सरकार बड़े-बड़े दावे कर रही थी।
लेकिन अब सरकार की व्यवस्थाओं की पोल खुलनी शुरू हो गयी है, यात्रा के पहले 15 दिन सरकार ने कोई भी vip मूवमेंट करने से मना किया था लेकिन खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही दिन केदारनाथ पहुंच जाते हैं।
और जब सरकार अपने आदेशों का पालन नहीं कर सकती है तो फिर ऐसे आदेश क्यों जारी किए जाते हैं, बद्रीनाथ के स्थानीया निवासी और हक हकूकधारी है अगर सरकार उन्हें अतिक्रमित करने की कोशिश करेगी तो विरोध प्रदर्शन होगा।
हठ धर्मिता से चीजें थोपी जाती है, चारों धामों में शुरुआत से ही जिस तरीके से व्यवस्था चरमराई हुई है उससे लगता है कि सरकार ने पिछली चार धाम यात्रा से कुछ नहीं सीखा जिस कारण प्रदेश की छवि पूरे देश में ख़राब हो रही है।
वही भाजपा प्रदेश प्रवक्ता का कहना है की स्थानीय निवासियों का कोई भी विरुद्ध प्रदर्शन नहीं था बल्कि स्थानीय निवासियों और हक-हकूकधारियों ने सुझाव दिए हैं कि vip दर्शन से आम श्रद्धांलुओं को परेशानी ना हो, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने vip दर्शन की व्यवस्था समाप्त करने निर्णय की सरहाना करते हुए।
कहा की मंदिर में आने वाली वीआईपी और आम नागरिकों के लिए भगवान के दर्शन एक समान होते हैं, लेकिन इस फैसले के बाद अब बद्रीनाथ धाम में आने वाले श्रद्धांलुओं और स्थानीय निवासियों को परेशानी नहीं होगाी।
बद्रीनाथ धाम में भले ही vip दर्शन की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया हो लेकिन जिनके लिए सरकार की ओर से प्रोटोकॉल जारी किया गया होगा. वे अभी भी वीआईपी दर्शन कर सकते हैं।
अब देखने वाली बात होगी कि प्रशासन व बद्री केदार मंदिर समिति ने जो निर्णय लिया है उसे पर खुद कितना और कब तक अमल कर पाती है? या फिर एक पुराने ढर्रे को अपनाते हुए स्थानीय लोगों और आम श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा?