युवती के शव को सूटकेस के अन्दर बन्द कर आशारोडी से आगे सुनसान जंगल में लगाया था ठिकाने।
देहरादून – शहरुल जहाँ पत्नी जहीर हसन निवासी जमालपुर कला, थाना कनखल, जनपद हरिद्वार ने एक लिखित प्रार्थना पत्र अपनी पुत्री शहनूर उम्र 24 वर्ष की गुमशुदगी के सम्बन्ध मे कोतवाली पटेलनगर पर दिया गया,
जिसमें उसने बताया गया कि उनकी पुत्री शहनूर देहरादून मे संस्कृति विहार कालोनी मे रहकर ब्यूटी पॉर्लर का काम करती थी जो 26 दिसम्बर 23 से लापता है, जिससे सम्पर्क करने तथा ढूंढने का उनके काफी प्रयास किया गया किन्तु उसके सम्बन्ध में कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पा रही है।
इस सूचना पर कार्यवाही करते हुए थाना पटेलनगर पर युवती की गुमशुदगी दर्ज की गई।
मामले की गम्भीरता पर थाना पटेलनगर पर पुलिस टीम का गठन किया गया। गठित टीम ने गुमशुदा की तलाश एवं खोजबीन की और मुख़बिर तैनात किये गये, तलाश के दौराने पुलिस टीम को जानकारी मिली कि गुमशुदा शहनूर देहरादून मे संस्कृति लोक कालोनी मे राशिद नाम के युवक के साथ लिव इन रिलेशनशिप मे रहती थी,
जो युवती के गुम होने के बाद से ही देहरादून से फरार चल रहा है। जिस पर पुलिस टीम ने राशिद की तलाश को मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया। कल 30 मार्च 24 को मुखबिर ने पुलिस टीम को जानकारी मिली कि राशिद संस्कृति विहार कालोनी में अपने किराये के कमरे के आस-पास घूम रहा है,
जो सम्भवत: कमरे से अपना सामान लेने के लिये देहरादून आया है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने संस्कृति विहार कालोनी पहुँचकर राशिद से मौके पर गुमशुदा शहनूर के सम्बन्ध में जानकारी की तो वह इस सम्बन्ध में कोई जानकारी न होने की बात कहने लगा,
संदिग्धता प्रतीत होने पर पुलिस ने राशिद को विस्तृत पूछताछ केेेे लिए थाने लाया गया। जहां उससे सख्ती से पूछताछ करने पर उसने 27 दिसम्बर 23 को गुमशुदा शहनूर की गला दबाकर हत्या करना तथा शव को सूटकेस में बदं कर आशारोडी से आगे जगंल में ठिकाने लगाने की बात बताई गई,
जानकारी मिलते ही पुलिस टीम अभियुक्त को साथ ले जाकर आशारोडी से करीब 5-6 किलोमीटर सहारनपुर की ओर सडक किनारे खाई के पास पडे एक सूटकेस के अन्दर से गुमशुदा शहनूर के शव के कंकाल को सडी-गली अवस्था मे बरामद किया गया,
अभियुक्त राशिद पुत्र मुर्सलीन निवासी बागोवाली थाना नई मण्डी जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश को मौके से गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ मे अभियुक्त 23 वर्षीय राशिद ने बताया कि वो अपने गांव बागोवाली में मोटरसाइकिल रिपेयरिंग का कार्य करता था, वर्ष 2017-18 में उसकी पहचान मोबाइल फोन के माध्यम से शहनूर से हुई थी। उसके बाद से ही वे लगातार एक दूसरे के सम्पर्क में थे।
सितम्बर 2023 में वह शहनूर से मिलने देहरादून आया तथा उसके बाद संस्कृति लोक कॉलोनी आईएसबीटी के पास एक कमरा किराए पर लेकर शहनूर के साथ रहने लगा । शहनूर से उसके काम के बारे में पूछने पर उसने पार्लर में काम करना बताया जाता था,
पर पार्लर का पता पूछने पर वो हमेशा बात टाल देती थी। शहनूर हमेशा रात में देरी से और कई बार अगले दिन सुबह कमरे पर आती थी तथा वजह पूछने पर हमेशा बातों को टाल देती थी, अभियुक्त को अंदेशा था कि शहनूर किसी प्रकार के गलत कामों में लिप्त है।
जब 26 दिसम्बर 23 को भी अभियुक्त देर रात तक कमरे में शहनूर का इन्तेजार करता रहा पर शहनूर 27 दिसम्बर 23 की सुबह करीब 02ः00 बजे कमरे पर आई। इस बात को लेकर अभियुक्त का शहनूर से झगडा हो गया,
तथा देरी से आने की वजह पूछने पर शहनूर ने उससे अपने काम से काम रखने तथा उस पर नजर न रखने की बात कही तथा अभियुक्त के मुंह पर थप्पड मार दिया, जिस पर गुस्से में आकर मैंने शहनूर का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
घटना के बाद अगले दिन अभियुक्त शहनूर की स्कूटी संख्या: यू0के0-08-एडब्ल्यू-4566 को लेकर पटेल नगर लालपुल की तरफ गया, जहाँ उसने शहनूर के एटीएम कार्ड से 17,000/- रुपये कैश निकाले तथा,
उसके पश्चात लालपुर स्थित विशाल मेगा मॉर्ट से एक लाल रंग का बडा सूटकेस तथा मुस्कान चौक पर हार्डवेयर की दुकान से रस्सी खरीदी और अपने कमरे पर वापस आ गया।
कमरे पर अभियुक्त ने शहनूर के शव को लाल सूटकेस के अन्दर बंद किया तथा दोपहर के समय सूटकेस को शहनूर की स्कूटी की पिछली सीट बांधकरउसे आशारोडी के आगे सुनसान जगंल में एक खाई में फेंक दिया।
इसके पश्चात अभियुक्त पकडे जाने के डर से शहनूर की स्कूटी लेकर अपने गाँव बागोवाली मुजफ्फरनगर चला गया तथा कुछ दिन वहां रहने के बाद अपनी बहन के घर कलाआम रोड विद्यानंद कॉलोनी पानीपत चला गया, जहाँ पर अभियुक्त पिकअप गाड़ी में हेल्पर का काम कर रहा था।
अभियुक्त 30 मार्च 24 की रात में संस्कृति लोक कालोनी में स्थित किराये के कमरे से अपना सामान लेने के लिये देहरादून आया था, पूछताछ में अभियुक्त ने मृतका शहनूर की स्कूटी, मोबाइल फोन तथा एटीएम कार्ड का अपनी बहन के घर कलाआम रोड विद्यानंद कॉलोनी पानीपत में रखा जाना बताया गया।
