देहरादून – खाने में मेथी का अपना एक अलग स्वाद है, और इसके साथ ही इसका औषधीय गुण भी है, आज हम जानते हैं मेथी के औषधीय गुण के बारे में बात करते हैं।
अगर किसी को मधुमेह है तो 2 ग्राम मेथी का चूर्ण दूध के साथ हर दिन दो बार लें।
बदन दर्द होने पर 2 ग्राम मेथी का चूर्ण, 2 ग्राम जीरा चूर्ण गर्म दूध के साथ दो बार लें।
क्षीर वर्धक (माता होने पर ) 2 ग्राम मेथी चूर्ण दूध शक्कर के साथ सुबह लें।
रूसी होने पर (1) नहाने के 1/2 घण्टे के पहले मेथी को पानी में पीस कर सिर पर मालिश करें।
(2) नारियल के तेल में मेथी चूर्ण उबाल कर प्रतिदिन सिर पर मालिश करें।
(3) बालों को मुलायम और चमकदार रखने के लिए मेथी को पानी में पीस कर प्रतिदिन लगायें।
भारत के हर घर में घी खाने और हवन में इस्तेमाल प्रचुर मात्रा में होता है।आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में अनेक औषधियों के निर्माण में घी का प्रयोग किया जाता है। घी का समुचित प्रयोग शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ के लिए बहुत अच्छा है।
अगर किसी को अल्सर या घाव (वर्ण) जल जाने पर तो प्रभावित स्थान पर घी में हल्दी और मुलेठी चूर्ण को उबाल कर ठंडा कर लें और फिर प्रभावित जगह पर लगायें।
भूख न लगने पर या मंदाग्नि हो तो भोजन में हींग एवं जीरा घी में भून कर लें।
स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए बच्चें के लिए प्रतिदिन घी का प्रयोग स्मरण शक्तिवर्धक होता है।
अगर किसी को कब्ज हो तो रात में सोते समय एक कप गरम दूध में 5 मि.ली. घी मिलाकर, मिश्री के साथ प्रयोग।
प्याज ऐसी कोई सब्जी नहीं जिसमें प्याज का इस्तेमाल ना होता हो वहीं इसका आयुर्वेद में भी विशेष महत्व है और खासकर सफेद प्याज का सेवन करना अपना एक अलग महत्व है अच्छा माना जाता है।
गर किसी को लू लग गई हो तो लू लगने से बचाव के लिए प्याज का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए।
सर्दी/खाँसी/जुकाम प्याज के टुकड़े के काढ़े में थोड़ा गुड़ डाल कर दिन में 3 बार लें।
पेचिस हो तो- सफेद प्याज के बारीक टुकड़े करके घी में भूनकर चावल के साथ खाना चाहिए।