देहरादून -दून के 25 वर्षीय कैप्टन दीपक सिंह ने जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकी मुठभेड़ में अपनी शहादत दे दी है। यह खबर उत्तराखंड के लिए दुखद है और पूरे देश को गम में डूबो दिया है। कैप्टन दीपक सिंह का बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा और उनकी बहादुरी को सलाम किया जाएगा।
कैप्टन दीपक सिंह का जन्म देहरादून में हुआ था और उन्होंने अपनी शिक्षा स्थानीय स्कूल से प्राप्त की थी। उन्होंने सेना में शामिल होने का फैसला किया और जल्द ही उन्हें कैप्टन के पद पर पदोन्नत किया गया। वह अपने परिवार के लिए बहुत प्यारे थे और उनके माता-पिता ने उन्हें सेना में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया था।
कैप्टन दीपक सिंह की शहादत से उनके परिवार को गहरा दुख पहुंचा है, और हम उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। इस कठिन समय में, हमें उनके परिवार के साथ खड़े रहना चाहिए और उन्हें हर संभव समर्थन देना चाहिए।
कैप्टन दीपक सिंह की शहादत हमें आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करती है और हमें अपने देश की सुरक्षा के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है। हमें उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए।
सेना ने इस मुठभेड़ में चार आतंकवादियों को मरा गिराया वहीं जम्मू कश्मीर में डोडा के अस्सार इलाके में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सर्च अभियान चलाया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीद कैप्टन दीपक सिंह की शहादत पर गहरा दुख प्रकट किया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैन्य भूमि उत्तराखण्ड के वीर सपूत कैप्टन दीपक सिंह को कोटि कोटि नमन।
उन्होने कहा की माँ भारती की सेवा में कैंप्टन दीपक सिंह ये बलिदान सदैव युवाओं में राष्ट्रभक्ति का संचार करता रहेगा।ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।