देहरादून – पांच दिन पहले एक व्यक्ति पुलिस कार्यालय स्थित एएचटीयू के कार्यालय में आकर उसने बताया कि उसे लगभग 18 से 19 वर्ष पूर्व जब उसकी आयु लगभग 09 वर्ष थी एक व्यक्ति ने घर के पास से उसे उठाकर राजस्थान में किसी अंजान जगह पर ले जाया गया, जहां उसने उससे भेड-बकरी चराने का काम करवाता था,
वर्तमान में किसी व्यक्ति की सहायता से वह देहरादून पहुंचा पर उसे अपने घर का पता व परिजनों के सम्बंध में कोई जानकारी याद नही है और न ही उसे अपने असली नाम याद है। उसे यह याद था कि उसके पिताजी की परचून की दुकान थी तथा घर पर उसकी माताजी तथा 04 बहने थी।
जिस पर पुलिस ने उस व्यक्ति के रूकने व खाने की व्यवस्था करते हुए, सोशल मीडिया व पम्पलेट के माध्यम से उस व्यक्ति की जानकारी से जनपद के सभी थानों को अवगत कराते हुए अपने-अपने थाना क्षेत्रों में युवक के परिजनों की तलाश के निर्देश दिये गये,
साथ ही दैनिक समाचार पत्र के माध्यम से युवक से सम्बन्धित जानकारी को प्रकाशित कराते हुए आमजन मानस से भी युवक के परिजनों को ढूंढने में सहयोग प्रदान करने की अपील भी की गई। आज 01-जुलाई 24 को बंजारावाला निवासी एक महिला आशा शर्मा पत्नी कपिल देव शर्मा द्वारा समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को पढकर एएचटीयू कार्यालय में आकर जानकारी दी कि उनका पुत्र जिसका नाम मोनू था, वर्ष 2008 में घर से गायब हो गया था,
जिस पर उन्होंने उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश व अन्य कई स्थानों पर काफी तलाश किया गया, पर उसके सम्बंध में कोई जानकारी प्राप्त नही हो पाई, जिस पर उक्त युवक को महिला से मिलवाया गया, तो महिला द्वारा बतायी गई बातों को याद करते हुए।
उस युवक ने महिला की पहचान अपनी मां के रूप में की गई, साथ ही भावुक होकर अपनी मॉ को गले लगाया। 17 वर्षो बाद अपने खोये हुए पुत्र को वापस पाकर महिला द्वारा भाव विभोर होते हुए पुलिस कर्मियों के सर पर हाथ फेरकर उन्हें आर्शीवाद दिया, साथ ही उनके द्वारा किये गये प्रयासों पर आभार व्यक्त किया गया।