देहरादून – पेड़ों को बचाना है, पर्यावरण को बचाना है, पेड़ की छाया हर किसी को चाहिए लेकिन पेड़ लगाने को कोई अपने घर पर तैयार नहीं। सामाजिक संगठनों का पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार खालांगा के जंगलों को बचाने के लिए काफी लोग खालांगा में इक्कट्ठे हुए जबकि कई संघटनों ने अचानक आज के कार्यक्रम को रद्द कर दिया था।
फिर भी काफ़ी लोग खालांगा के जंगल में आए और जंगल के पेड़ों की सुरक्षा का संकल्प लिया सामाजिक कार्यकर्ता जयदीप सकलानी पर्यावरण प्रेमी चंदन सिंह नेगी सतीश धौलखंडी जैकृत कंडवाल आदि ने जनगीत गाये।
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व बैंक कर्मचारी जगमोहन मेंदीरत्ता ने देहरादुन के बदलते मौसम के कारणों पर प्रकाश डाला और कहा कि जैसे-जैसे देहरादून की सड़कों और घरों सेे सेेेेेेे पेड़ कट रहे हैं। वैसेेेे ही देहरादून का तापमान मेंं वृद्धि हो रही है। पहलेेे देहरादून में इतनी गर्मी नहींं होती और यहांं पर अमूमन जैसे ही तापमान बढ़ता था।
वैसे ही बारिश हो जाती थी। लेकिन जब से उत्तराखंड बना है तब से देहरादून में बेहिसाब से जमीनों का दोहन हुआ है। और पेड़ों का कटान हुआ है। सरकार भी विकास के नाम पर पेड़ोंं को काट रहीं। मना की विकास कार्य भी होने जरूरी लेकिन उसका पहले पूरा खाका तैयार किया जाए।
मेंदीरत्ता ने आग कहा कि हमारी पेड़ोंं को काटने को लेकर जल निगम के अधिकारियों के साथ मीटिंग हुई और विस्तार से चर्चा की गई।
कि किस प्रकार जन दबाव के कारण अभी उस प्रोजेक्ट की गति धीमी हुई है,हरि ओम पाली गणेश धामी आदि के साथ साथ महाकाल संस्था भी आज अपने सदस्यों के साथ खालांगा बचावों अभियान में शामिल है इस कार्यक्रम में बालकिशन शर्मा,हेम राज उपस्थित थे।
मेंदीरत्ता ने ये भी बताया कि 5 जून सुबह 7 बजे गांधी पार्क में एकत्रित होकर पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण को बचाने के लिए बहुत सारे संघटन ज्यादा से ज्यादा पेड लगाने का संकल्प लेंगे व जैसा सूत्रों के माध्यम से पता चला है कि गांधी पार्क को पी पी मोड पर दिया जाने का निर्णय लेने का विचार है।
अतः उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी के बीचों बीच इस सुंदर पार्क को बचाने के लिए इसका विरोध करेंगे जिसमे काफी संख्या में दैनिक सैर करने वाले भी शिरकत करेंगे।