नई दिल्ली – पीड़ित महिला ने कोतवाली विकासनगर पर एक लिखित प्रार्थना पत्र दिया कि उनकी दो पुत्रियां तथा पड़ोस में रहने वाली उनकी पुत्रियों की एक सहेली दिन में 11ः00 बजे बताए घर से कहीं चली गई है और अभी तक वापस नही आई हैं।
इस पर कोतवाली विकासनगर ने मु0अ0सं0 192/24 धारा 363 भादवि पंजीकृत किया गया। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए नाबालिग बालिकाओं की यथाशीघ्र सकुशल खोजने के लिए पुलिस टीम बनाई।
गठित पुलिस टीम ने आस पास के लोगों से घटना के सम्बन्ध में जानकारियां एकत्रित करते हुए आस-पास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों का गहनता से निरीक्षण किया गया। साथ ही स्थानीय मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर सर्विलांस की सहायता से भी बालिकाओं की ढूंढने का प्रयास किये गये।
सीसीटीवी कैमरों की फुटेजों को देखकर तीनों नाबालिग बालिकाओं का आईएसबीटी देहरादून से दिल्ली की बस में बैठकर जाना प्रकाश में आया तथा तीनों बालिकाओं के मोबाइल नम्बर भी बंद पाये गये।
पुलिस टीम ने तत्काल दिल्ली पुलिस से समन्वय स्थापित करते हुए तीनों नाबालिग बालिकाओं के फोटो, पैंपलेट जारी किए गए। पुलिस टीम द्वारा किये जा रहे लगातार प्रयासों तथा दिल्ली पुलिस की सहायता से 02 जून की सुबह तीनों नाबालिग बालिकाओं को सकुशल बरामद किया गया।
बालिकाओं ने बताया गया कि वे तीनों विकासनगर से देहरादून शॉपिंग करने को गई थी, जहां शॉपिंग के दौरान तीनों को घर वापस जाने में काफी अधिक देर हो गयी थी,
और घर में डांट पड़ने के डर से बालिकाएं घर वापस न जाकर आईएसबीटी देहरादून से दिल्ली जाने वाली बस में बैठकर बिना घर वालों को बताये देहरादून से दिल्ली आ गई।
तीनों नाबालिग बालिकाओं को सकुशल उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया। बालिकाओें की सकुशल बरामदगी पर परिजनों ने बताया कि नाबालिग बालिकाओं के साथ किसी अनहोनी के घटित होने के डर से वे काफी घबराये हुए थे।