देहरादून – अपनी किडनी के बारे में जानने के लिए मेरे साथ जुड़ें। आप जानते हैं कि हमारी किडनी पूरे खून को दिन में 25 बार तक फ़िल्टर करती है ? ये सुझाव आपके गुर्दे सहित आपके पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।
जानें कि आप मुट्ठी के आकार के बीन के आकार के इन दो अंगों की सुरक्षा आप कैसे कर सकते हैं। जो आपके लिए चौबीसों घंटे काम करते हैं।आप मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी किडनी क्षति का कारण बनने वाली स्वास्थ्य स्थितियों को रोककर या प्रबंधित करके अपनी किडनी की रक्षा कर सकते हैं।
और सबसे बड़ी बात क्या आप जानते है कि डिसपोज़ल कप और प्लास्टिक की थैली में गरम चाय के इस्तेमाल से आपकी सेहत पर कितना खतरनाक असर पड़ता है।और साथ ही पेपर कप व प्लास्टिक के इस्तेमाल से हमारे किन अंगों पर इस का सीधा असर पड़ता हैं। जैसेकि हमारी किडनी और लिवर पर इस का असर पड़ता है और इससे कैंसर भी हो सकता है।
क्या पेपर कप में चाय या अन्य गर्म पदार्थ पीने का खतरा जानते है आप ?
10 साल में कितने बढ़े क्रॉनिक किडनी के मरीज़। भारत में लगभग 10% आबादी क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित है हर साल गुर्दै की विफलता के कारण एक लाख से अधिक मामले सामने आते है।
25 हज़ार माइक्रोप्लस्टिक कण किडनी को करेंगे खराब पिछले 10 साल में दोगुने हुए किडनी के रोगी, हर साल दो लाख ट्रांसप्लाट करने की जरूरत है लेकिन डोनर ना मिलने से हर रोज़ 20 लोगों की मौत होती है।
वहीं आप अपने डाइट प्लान में खुब पानी पीये, नमक चीनी कम करें। फाइबर ज़्यादा ले, और खाने में इन दालों को ले सकते है जैसे मूंग की दाल, अरहर दाल, उड़द, मसूर,चना दाल खा सकते हैं।
मूंग की दाल – किडनी के मरीजों के लिए मूंग दाल प्रोटीन का सबसे अच्छा स्त्रोत है, तो अरहर कोलेस्ट्रॉल फ्री होती है और इसमें पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन और फाइबर होता है। वहीं उड़द की दाल से शरीर में यूरिक एसिड प्रोडक्शन को बढ़ाती है।
लेकिन किडनी फेलियर से पीड़ित व्यक्ति की किडनी पर ये प्रेशर डाल सकती है इसलिए इसे कम खायें,मसूर में ज्यादा फोलेट, पोटेशियम, टिप्टोफैन कॉपर आयरन होतो है। इससे किडनी को वेस्ट प्रोडक्ट को बाहर निकालने ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है।
खाने की मात्रा में, चना दाल को पचने में काफी समय लगता है, इसलिए किडनी पीडितों को कम खानी चाहिए और जो डायलिसिस वाले पेंशेट है उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
वही किडनी के मरीजों को दाल पकाने से पहले उसे पानी में भिगो लेना चाहिए ताकि दाल से पोटेशियम निकलकर कम हो जायें और किडनी दबाव कम पड़े।