देहरादून – भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड में 456 कैडेट के साथ- साथ 35 विदेशी कैडेट भी हुए पासआउट।
यह सभी 456 कैडेट बने लेफ्टिनेंट भारतीय सेना का बने हिस्सा। भारतीय सैन्य अकादमी में शनिवार को पासिंग आउट परेड का आयोजन हुआ।
पासिंग आउट परेड के मद्देनजर अकादमी के आसपास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई थी। चप्पे-चप्पे पर सेना के सशस्त्र जवान तैनात रहे।
इस बार नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल ने बतौर समीक्षा अधिकारी के तौर मौजूद रहे।नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल ने बतौर समीक्षा अधिकारी के रूप में परेड की सलामी ली ।
सालों की मेहनत के बाद युवा कैडेट सेना में अधिकारी के रूप में शामिल हो गए है । सबसे पहले पासिंग आउट परेड आयोजित हुई जिसमें परेड के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए नेपाल के सेना प्रमुख को सलामी दी गई।
इसके बाद पॉपिंग सेरमनी होने के बाद जवानों को देश के प्रति वफादार रहने की शपथ दिलाई गई । प्रथम पथ से गुजरते हुए कैडेट अधिकारी अब सेना का हिस्सा बन चुके है। देश की विभिन्न बटालियन में उनकी नियुक्ति हो गईं है ।
491 ऑफिसर कैडेट बतौर अधिकारी देश विदेश की सेना की मुख्य धारा में शामिल हुए। जिसमें 456 युवा सैन्य अधिकारी भारतीय थल सेवा में शामिल हुए। जबकि 35 युवा सैन्य अधिकारी मित्र देशों की सेना का अभिन्न अंग बनने जा रहे है ।
अबतक सैन्य अकादमी ने देश-विदेश की सेना को 66 हजार 199 युवा सैन्य अधिकारी दे चुके हैं।इनमें मित्र देशों को मिले 2988 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।साथ ही लेफ्टिनेंट प्रथम सिंह को स्वर्ण पदक, लेफ्टिनेंट जतिन कुमार को रजत और स्वार्ड ऑफ ऑनर और सिल्वर मेडल ( TES) लेफ्टिनेंट महिपाल सिंह,लेफ्टिनेंट मयंक ध्यानी को कांस्य और लेफ्टिनेंट प्रवीन कुमार को बांग्लादेश पदक से नवाजा गया।
इस दौरान युवा अधिकारियों में देश के प्रति जोश साफ नज़र आया जवान ने ली गई सालों ली ट्रेनिंग करने का उत्साहित नज़र आए । वही परिजन अपने सुपुत्र की उपलब्धि से काफी प्रसन्न नजर आए।
1 अक्टूबर 1932 से अबतक इंडियन मिलिट्री अकादमी भारत समेत अन्य देशों को हजारों की संख्या में क्रेडिट दे चुका है। इन अधिकारियों देश में मुश्किल हालातो के दौरान अपने साहस का परिचय दिया है ।