RishikeshNews:-युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए बताए गए महत्वपूर्ण उपाय

ऋषिकेश –  अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के “युवा जोश” यूथ वैलनेस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को तंबाकू व अन्य नशीले पदार्थों के उपयोग से बचने का संदेश दिया गया, साथ ही उन्हें किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहने के उपाय बताए गए।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में एम्स ऋषिकेश के सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभाग के अपर-आचार्य व सोशल आउटरीच सेल के नोडल अधिकारी डॉ. संतोष कुमार ने विद्यालय के शिक्षकों व कक्षा 11 व 12 के विद्यार्थियों को युवाओं में बढ़ती नशावृत्ति को लेकर जागरूक किया।

उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति नशे की तरफ तभी कदम बढ़ाता है, जब उस व्यक्ति की सोच पूर्णत: विकसित न हो अथवा वह किसी कारण से भ्रमित हो। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति सोच व इच्छाशक्ति से मजबूत होता है, उसे अपने नफा नुकसान का पता होता है लिहाजा वह नशे की तरफ अपना कदम नहीं बढ़ाएगा। डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि मेडिकल अध्ययन के अनुसार व्यक्ति की सोच का उसके क्रियाकलापों पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है।

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जीवन में वह व्यक्ति कुछ नहीं कर सकता जो अपने बारे में नहीं सोच सकता है। लिहाजा बिना सोच के व्यक्ति की जिंदगी एक निर्जीव के समान है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी सोच को सृदृढ़ बनाना होगा व इच्छाशक्ति को जागृत करना होगा। हमें ऐसे तमाम विषयों को लेकर जागरुक रहने के साथ साथ स्वयं से प्रश्न पूछने की आदत को भी स्वयं में विकसित करना होगा।

डॉ. संतोष कुमार ने तंबाकू सेवन को शरीर के लिए बेहद नुकसानदायक बताया है। मगर वर्तमान में देखा जा रहा है कि न सिर्फ बड़े बुजुर्ग निहायत कम उम्र के किशोर व युवा भी तंबाकू, शराब व अन्य प्रकार की नशावृत्ति के आदी होते जा रहे हैं, उन्होंने इसे इच्छा शक्ति के अभाव में पशुवत सोच बताया। उनका मानना है कि जो व्यक्ति जैसा सोचता है, वह वैसा बन जाता है, लिहाजा सोच ही हमें मजबूत बनाती है और हमारी इच्छा शक्ति को विकसित करता है। इसके लिए हमारा सकारात्मक होना पहली शर्त है।

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विशेषज्ञ चिकित्सक के अनुसार नशे की लत में किशोर व युवा वर्ग काफी आगे है, जिसमें 15 से 18 वर्ष आयु वर्ग सबसे अधिक नशावृत्ति की ओर बढ़ रहा है। जबकि बच्चों की यही उम्र है जिसमें वह स्वयं में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं, मगर दृढ़ इच्छाशक्ति के अभाव व सही मार्गदर्शन नहीं मिलने से वह ऐसा नहीं कर पाते,

और जीवन बनाने की उम्र में नकारात्मक सोच के साथ जीवन को समाप्त करने की ओर बढ़ चलते हैं। उनका मानना है कि यदि हम आज अपनी एक आदत में सुधार करते हैं तो हमारी वही आदत हमें बहुत बड़ी सौगात देती है और भविष्य में हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

उन्होंने बताया कि जब भी हम किसी पदार्थ का सेवन आवश्यकता से अधिक करने लगते हैं तो वह एक नशे का रूप ले लेता है और शरीर में उसकी एक अच्छी बॉन्डिंग बन जाती है, लिहाजा हमारा शरीर उसी पदार्थ को बार-बार मांगने की कोशिश करता है।

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यह सब ब्रेन के रिसेप्टर हैं जो बार बार इच्छा शक्ति पर अटैक करता है। ऐसे में खासकर किशोर व युवा वर्ग को ऐसी चीजों से दूर रहने की जरुरत होती है जो बार-बार आपको अपनी ओर आकर्षित करती हैं तथा बिना मेहनत के आसानी से मिल जाती है।

युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए बताए गए महत्वपूर्ण उपाय –

1- सोच

2- इच्छा-शक्ति

3- प्रश्न पूछने की आदत

4- हैप्पीनेस के बारे में बताया और कहा कि हमें अपना सर्वांगीण विकास करना जरूरी है, जो आपको लॉन्ग टर्म की खुशी दे सकता है।

इन्होंने किया कार्यक्रम में प्रतिभाग

“युवा जोश” यूथ वैलनेस कार्यक्रम में आउटरीच टीम के सदस्य संदीप कुमार, सूरज राणा, सविता सेमवाल व शुभम,  हरिश्चंद बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य  पूनम शर्मा, शिक्षक अलख नारायण दुबे, रामाश्रय सिंह, आदित्य नाथ, जयराम कुशवाह, रामकृष्ण पोखरियाल, सुभाषचंद आदि शिक्षक  मौजूद रहे।

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