“अध्यापक पूर्ण सिंह पुरस्कार”
पंजाबी भाषा में दीर्घकालीन साहित्य सेवा के लिए।
देहरादून – सरदार पूर्ण सिंह का जीवन परिचय इस प्रकार से है इनका जन्म- 17 फरवरी, 1881 अखण्ड भारत (वर्तमान पाकिस्तान के एबटाबाद) में हुआ था।
सरदार पूर्ण सिंह आधुनिक पंजाबी कवि और काव्य के संस्थापक के साथ भारत के देशभक्त, शिक्षा विद् अध्यापक, वैज्ञानिक एवं लेखक थे। बहुभाषा विद सरदार पूर्ण सिंह पंजाबी, अंग्रेजी, हिन्दी, जर्मन, फारसी के ज्ञाता एवं विद्वान थे।
देवनागरी, गुरूमुखी और उर्दू अंग्रेजी में उन्होंने लेखन किया। टिहरी में स्वामी रामतीर्थ से प्रभावित होकर गढवाल वशिष्ठ आश्रम में सन्यास लिया। उसके अनन्तर उनके वेदान्त सिंद्धात का प्रचार किया। 1907 से 1918 तक देहरादून के प्रसिद्ध अनुसंधान संस्थान में परामर्शी वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया।
अंततः जीवन के अंतिम चरण में सिख फकीर के रूप में साधनारत रहे। वे सिख संत भाईवीर सिंह और स्वामी रामतीर्थ के शिष्य रहे थे। उनकी प्रमुख पंजाबी कविताएं-अब चल, जोत, खुले मैदान, खुले खुण्ड मेरा सांई, कविदा दिल कविता, खुले आसमानी रंग आदि है। सरदार पूर्ण सिंह का देहावसान 31 मार्च1931 को देहरादून में हुआ। जवान पंजाब पर लिखी कविता-
“खुले मैदान”मैं वेपरवाह पंजाब रे मौत नूं मसौलन करवा मारन थेन नहीं डरे प्यार नाल उह करन गुलामी जान को अपनी वार दिन पर कम न मनन किस दे खालों जान दंगान भोड़ ते खलार के मनन बस और दोबार जवाने दे आजाद कीते अब बडे पंजाब ना हिंदू ना मुस्लिम पंजाब सारा जिंदा गुरा दे नाने ते।।
“खुले आसमानी रंग” जिठो सुहापना सहज पराता है विचारों बस इका प्रकाश दिल खिकावां राग पिघला-पिघला रूप अनूप हीरा हिरा सज्जदा जिठि सुहापना आदा कर सदा की हिहि बिह्वलता अनात बिका उशी कदी।
प्रेम कुमार साहिल को अध्यापक पूर्ण सिंह पुरस्कार साहित्य लेखन में सीएम धामी व भाषा मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रदान किया
इनके पिता का नाम स्व ज्ञान चन्द और माता का नाम स्वर्गीय लाजवंती है।
इनका निवास 47 शालिन एनक्लेव, बद्रीपुर रोड़ जोगीवाला देहरादून-248005 हैं।
कार्यक्षेत्र प्रधानाचार्य पद से सेवानिवृत्त और एम.ए. अंग्रेजी में शिक्षा प्राप्त की है।पूर्व में प्राप्त सम्मान अनेक सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्तकर्ता है।
प्रकाशित पुस्तको के नाम निक्के बड्डे चेहरे (कविता), मिट्टी से सुखन (गजल संग्रह), स्व भरोसा ते उच्च मक्सद (गद्य), तपे होए (पंजाबी काव्य संग्रह), लहर लहर साहिल (पंजाबी काव्य संग्रह), हर सिम्त बिखर जाओ (पंजाबी काव्य संग्रह), राहे हयात (हिन्दी गजल), कोई दप पे है (हिन्दी गजल), झील का मंजर (हिन्दी गजल) आदि।