देहरादून – राष्ट्रीय नेचर नेटवर्क देश भर में प्रकृति पर्व को एक उत्सव के रूप में मनाने के लिए व लोगों का प्रकृति के उपकारों के प्रति और इसे प्रणाम करने के लिए एक प्रयास है ।देश में विभिन्न राज्यों में इसको पर्व के रूप में मनाया गया। वह प्रकृति के उपकारों पर चिंतन मंथन व इसके संरक्षण के लिए पहल करने का एक प्रयास है।
आज 14 फरवरी 24 को देश भर में प्रकृति पर्व मनाया गया। बसंत पंचमी के इस अवसर पर प्रकृति को श्रद्धांजलि देने एवं प्रकृति के उपकारों को याद करने के लिए देशभर में महिला संगठनों, विश्वविद्यालयों, स्कूलों, बच्चों, युवाओं और महिलाओं ने विभिन्न रूप से मनाया। इसमें ख़ासतौर से बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश व राजस्थान में लोगों ने अपने अपने तरीक़े से इसे मनाया।
इसी कड़ी में गांधी पार्क में प्रातः सभी प्रकृति प्रेमियों ने एक दूसरे से गले मिल व तिलक लगाकर सामूहिक रूप से प्रकृति दिवस को मनाया एवं वसंत पंचमी को प्रकृति के पर्व के रूप में भी समझने समझाने के लिए सामूहिक दायित्वों व प्रयत्नों पर चर्चा हुई। लोगों को प्रकृति से जोड़ने के लिए सब की भागीदारी सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया गया।
गोष्टी गांधी पार्क में की गई जिसमे बच्चे युवा और महिलाएं ने भागीदारी की। गोष्ठी में डॉ अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि अब समय है कि हमे प्रकृति को प्रणाम करना चाहिये प्रकृति को नमन करना चाहिये। आज तक हमने लगातार प्रकृति को नकारा है। अब ये बसंत पंचमी का अवसर है जहां हम देशभर में ये आहवाहन कर सकते हैं।
कि प्रकृति के लिये भी हमे उतना ही गंभीर होना चाहिये जितना कि हम अपनी आवश्यकताओं व अन्य प्राथमिकताओं के प्रति गंभीर होते हैं।उत्तराखण्ड में भी बहुत से स्थानों पर इसे मनाया गया। वसंत पंचमी को एक उत्सव के रूप में प्रकृति के प्रति श्रद्धांजलि देने का यह अवसर समर्पित करने की सामूहिक कोशिश है।